कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए आंगनवाडी केन्द्र बच्चों के लिए 7.00 बजे से 11.00 बजे एवं स्टाफ के लिए सुबह 07.00 बजे से दोपहर 02.02 तक संचालित किए जाएंगे। जिससे बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। आंगनवाडी केन्द्र में टाइम टेबल के साथ गतिविधियां संचालित किए जाएं जैसे- सर्वप्रथम बच्चों का स्वागत, प्रार्थना, शिक्षा, चित्रकला, कविता गान, गीत, खेलकूद, पोषण आहार, भोजन आदि टाइम टेबल के साथ गतिविधियां संचालित किए जाएं ताकि बच्चे केन्द्र के प्रति आकृषित हों।
कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने सभी सुपरवाइजर, सहायिका, कार्यकर्ता को निर्देश दिए कि प्रत्येक आंगनवाडी केन्द्र में 5-5 फलदार पौधे लगाएं, और स्वयं पौधों की देखभाल करें जिससे भूमिगत जलस्तर बनी रहे और केन्द्र में अध्ययनरत बच्चों को फल उपलब्ध हो सके।
जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं महिला बाल विकास अधिकारी श्री श्याम सिंगौर ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन एवं पोषण पखवाड़ा के तहत गतिविधियां आयोजित करने के साथ-साथ बच्चों को अर्ली एजुकेशन एवं नियमित पोषण व्यवस्था और गर्भवती धात्री महिलाओं को पोषण आहार प्रदान करने संबंधी निर्देश देते हुए कलेक्टर श्रीमती नेहा मारव्या ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को निर्देश दिए ,पोषण पखवाड़ा अंतर्गत गंभीर कुपोषित बच्चों की निगरानी, 1000 दिवस तक बच्चे की देखभाल के साथ-साथ एनीमिया की रोकथाम एवं पंजीयन पर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देश दिये। आंगनबाड़ी केद्रों में विद्युत व्यवस्था, पेयजल एवं अन्य व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों निर्देश दिये। लापरवाही की स्थिति में संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनिल कुमार राठौर, अनुविभागीय अधिकारी डिंडौरी सुश्री भारती मेरावी, मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी रमेश मरावी, तहसीलदार शंशाक शेण्डे सहित संबंधित विभाग के अधिकारी ,कर्मचारी उपस्थित रहे।