राजेन्द्र तंतवाय की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, रविवार 6 अप्रैल,7तारिक दिन सोमवार को एक दिवसीय माँ नर्मदा परिक्रमा खेरदा गऊघाट से प्रारंभ होगी जो कि खेरदा ग्राम के माँ नर्मदा तट गऊघाट से प्रारंभ होकर घुसिया माल तक 17 किलोमीटर की परिक्रमा की जायेगी,,
भगवती मां नर्मदा की उत्तर वाहिनी परिक्रमा से क्या तात्पर्य है?
पातक _पुंज निवारिणि,अभिमानियों का मान मर्दन करने वाली मां नर्मदा जिस स्थान में उत्तर दिशा की ओर प्रवाहित होती हैं उस भू _भाग को उत्तर वाहिनी क्षेत्र कहा जाता है।
उत्तर वाहिनी का महत्व क्या है?
स्कंद, मत्स्य, वायु, एवं पद्म पुराण तथा भृगु संहिता और रेवा खंड के श्लोक में वर्णन मिलता है कि मार्कंडेय मुनि ने युधिष्ठिर एवं देवताओं को नर्मदा जी के विभिन्न स्थानों को बतलाया कि चैत्र मास में उत्तर वाहिनी नर्मदा जी की परिक्रमा करने से सम्पूर्ण परिक्रमा का पुण्य प्राप्त होता है।
त्वदीचि नमयात्रा,प्रतिची यात्रा जान्हवी।दौत्रगछन्त को श्रेष्ठ,प्राच्येन सरस्वती।।
अर्थात _जहां मां नर्मदा उत्तरवाहिनी, गंगा पश्चिम वाहिनी और सरस्वती पूर्व वाहिनी होती हैं तो वह क्षेत्र धर्म परायण होता है।
यत्रास्ते भगवान विष्णु रेवा च उत्तरवाहिनी।
तत्र स्नानार्थ महाराज, वैष्णव लोक माॅ पूर्यातु।।
अर्थात _जिस स्थान पर मां रेवा उत्तरवाहिनी प्रवाहित हुई हो और भगवान विष्णु उत्तराभिमुख हों। हे महाराज वहां स्नान करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।,, एक दिवसीय उत्तरवाहिनी माँ नर्मदा परिक्रमा डिंडोरी जिले के खेरदा ग्राम माँ नर्मदा तट से प्रारंभ होगी, आयोजक समिति द्वारा बताया गया कि यह परिक्रमा सोमवार सुबह 6 बजे से प्रारंभ की जाएगी, आयोजक समिती ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि एक दिवसीय उत्तरवाहिनी माँ नर्मदा परिक्रमा में अधिक से अधिक भक्त शालिम हो धर्म लाभ अर्जित करें।