आई विटनेस न्यूज 24, गुरुवार 17 अप्रैल,जिले में फसल कटाई के बाद खेतों में डंठल और फसल अवशेष (नरवाई) जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी सुनील शुक्ला ने भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी करते हुए गेहूं एवं अन्य फसलों के डंठलों में आग लगाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।
प्रशासन का मानना है कि नरवाई जलाने से आग फैलने की घटनाओं, जनधन की हानि, पर्यावरण प्रदूषण और खेतों की उर्वरा शक्ति में गिरावट जैसे गंभीर दुष्परिणाम होते हैं। साथ ही यह प्रक्रिया खेतों में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर देती है और हवा में हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करती है।
प्रमुख बिंदुः
- प्रत्येक कम्बाइन्ड हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा रीपर या स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। बिना स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के हार्वेस्टर चलाने वालों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
- खेतों में आग लगाने वालों से पर्यावरण क्षति पूर्ति के रूप में जुर्माना वसूला जाएगा
- 2 एकड़ से कम जमीन वाले कृषकों पर ₹2500 प्रति घटना
- 2 से 5 एकड़ वाले पर ₹5000 प्रति घटना
- 5 एकड़ से अधिक वाले पर ₹15000 प्रति घटना
प्रशासन ने किसानों को नरवाई प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय अपनाने की सलाह दी है, जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, बेलर, रैकर और चॉपर मशीनों का उपयोग। इन उपायों से खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहती है और पर्यावरण की सुरक्षा भी होती है। जिले में इस आदेश के पालन की निगरानी कृषि विभाग, राजस्व विभाग और परिवहन विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से करेंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी निर्देश दिए हैं कि आदेश की जानकारी जनसामान्य तक मुनादी, सूचना पटल तथा सभी सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थानों में चस्पा कर पहुंचाई जाए।