आई विटनेस न्यूज 24, गुरुवार 6 मार्च,परिवहन विभाग लंबे समय से प्रदेश के परिवहन दफ्तरों में दलालों से मुक्ति के लिए डिजिटल सिस्टम पर जोर देता आया है। इसी कवायद में स्मार्ट चिप कंपनी को कंप्यूटराईजेशन और ऑनलाइन सिस्टम का काम सौंपा गया था। परिवहन दफ्तरों में ऑनलाइन का सारा कामकाज स्मार्ट चिप कर्मचािरयों के पास था।
स्मार्ट चिप कंपनी को 2013 में परिवहन विभाग के कंप्यूटराइजेशन और ऑनलाइन सिस्टम का काम दिया गया था। इसकी अवधि 5 साल के लिए थी,विभागीय अफसरों, शासन और कंपनी की रस्साकसी के बाद कंपनी का कार्यकाल 2022 में खत्म हो गया था, लेकिन उसे एक्सटेंशन दिया गया.जो जून 2024 तक कंपनी को तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया था।मगर कंपनी ने काम करने से मना कर दिया।
डिण्डौरी के परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में स्मार्ट चिप प्राइवेट लिमिटेड का ठेका समाप्त हो जाने के बावजूद कंपनी का एक कर्मचारी पंकज डहेरिया अब भी आरटीओ कार्यालय में बैठकर अवैध रूप से काम कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस कर्मचारी के खिलाफ कई बार शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, फिर भी प्रशासन ने अभी तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है।
जानकारी के अनुसार, स्मार्ट चिप लिमिटेड ने प्रदेश के प्रत्येक आरटीओ कार्यालय में अपने कर्मचारियों को नियुक्त किया था, लेकिन ठेका खत्म होने के बावजूद डिण्डौरी आरटीओ में इस कर्मचारी की मौजूदगी पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्र बताते है कि यह कर्मचारी कार्यालय में दलाली कर रहा है और लोगों को अनावश्यक परेशान कर रहा है। इस संबंध में 181 पर भी कई शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
हमने इस संबंध में डिण्डोरी प्रभारी आरटीओ अधिकारी से फोन पर जानकारी लेने चाही,की स्मार्ट चिप कंपनी का टेंडर कब खत्म हुआ और इस कंपनी का जो कर्मचारी आप के कार्यालय में बैठा रहा है वो क्यू बैठता है तो अधिकारी ने "देख कर बताता हूँ" कहते हुए बात को टाल दिया।इस कंपनी के टेंडर की अवधि की जानकारी अधिकारी को नही, फिर भी इस प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी पंकज डेहरिया आरटीओ से संबंधित सभी बैठकों में कलेक्टर सभागार में RTO का पक्छ रखते देखा जा सकते है, इसके अलावा आरटीओ के द्वारा लगने वाली चेकिंग में ये महानुभाव फ्रंट लाइन मै लगे मिलते है। सूत्र तो यहाँ बताते है कि RTO और कस्टमर के बीच सेटिंग भिड़ाने का कार्य भी करते है।
स्थानीय नागरिकों और वाहन स्वामियों का कहना है कि यह कर्मचारी अवैध रूप से कार्य कर रहा है और अपनी मनमानी कर रहा है। इससे परेशान होकर कई लोग अब फिर से शिकायत दर्ज कराने की तैयारी में हैं। सवाल यह उठता है कि जब कंपनी का ठेका समाप्त हो चुका है, तो यह कर्मचारी किसके आदेश पर आरटीओ कार्यालय में बैठा हुआ है?