ओमप्रकाश परस्ते की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, मंगलवार 25 मार्च,प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ, जिला डिंडोरी (म.प्र.) ने साझा चूल्हा मध्यान्ह भोजन योजना में राशि बढ़ाने व खाद्यान्न आपूर्ति में सुधार की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। महासंघ ने महंगाई को देखते हुए प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में प्रति बच्चा भोजन की लागत दर में वृद्धि करने की मांग की है।
महासंघ की प्रमुख मांगों में प्राथमिक शाला में भोजन लागत 6.45 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये, खाद्यान्न 100 ग्राम से बढ़ाकर 200 ग्राम तथा माध्यमिक शाला में 9.45 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये एवं खाद्यान्न 150 ग्राम से 300 ग्राम करने की मांग शामिल है।
महासंघ का कहना है कि वर्ष 2017-18 तक समूह को मध्यान्ह भोजन के लिए अग्रिम राशि प्राप्त होती थी, लेकिन अब दो-तीन महीने तक भुगतान नहीं किया जाता, जिससे समूहों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। किराना व्यापारी उधार देने से मना कर रहे हैं, जिससे बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है।
महासंघ ने केंद्र सरकार की नीति का हवाला देते हुए बताया कि स्व सहायता समूह को 100% राशि प्राप्त होनी चाहिए, जिसमें 60% केंद्र व 40% राज्य सरकार का योगदान होता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से केवल 60% राशि ही आवंटित की जा रही है, जिससे समूहों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत रसोइया बहनों का 500 रुपये मानदेय स्व सहायता समूह की राशि से काटा जाता है, जो अनुचित है। महासंघ ने मांग की है कि रसोइया बहनों को मानदेय अलग से दिया जाए।
महासंघ ने आंगनवाड़ी साझा चूल्हा भोजन व नाश्ते की राशि 8 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये करने की भी मांग की। वर्तमान दरों पर 3 रुपये में नाश्ता और 5 रुपये में भोजन देना संभव नहीं हो पा रहा है।
महासंघ ने कलेक्टर से आग्रह किया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाए और राशि व खाद्यान्न की आपूर्ति समय पर सुनिश्चित की जाए, ताकि बच्चों को सुचारू रूप से पौष्टिक भोजन मिल सके और समूहों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।