आई विटनेस न्यूज 24, बुधवार 5 फरवरी,केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना के तहत कराए गए तालाब निर्माण डिंडोरी में महज दिखावा साबित हो रहे हैं। अमृत सरोवर निर्माण के पीछे केंद्र सरकार की मंशा थी कि अमृत सरोवरों में स्थानीय जन मछली पालन और सिंघाड़ा उत्पादन कर आत्मनिर्भर बनेंगे।
लेकिन डिंडोरी के जनपद पंचायत नेवसा में जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो भ्रष्टाचार के मामले में काफी चर्चित रही है। जनपद पंचायत डिंडोरी के अंतर्गत आने वाले नेवसा माल सेक्टर में कार्यरत उपयंत्री और एसडीओ अमृत सरोवर योजना के तहत कराए गए निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करने के मामले में लगातार चर्चाओं में हैं।
डिंडोरी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत नेवसा माल के गुदगुदा नाला में, जहां पर अमृत सरोवर योजना के तहत 59.98 लाख रुपए की लागत से तालाब निर्माण कराया गया है। इस तालाब के निचले हिस्से से रिसाव के कारण पूरी तरह सूख गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि विगत दिनों हुई बारिश ने आरईएस विभाग के जिम्मेदारों द्वारा निर्माण कराए गए गुणवत्ताविहीन तालाब की पोल खोल दी है। निर्माण एजेंसी के द्वारा तालाब की निर्माण कार्य चलने के दौरान नींव को मजबूत और वाइब्रेटर सही ढंग से नहीं चलाने के कारण नीचे की मुरुम अच्छी तरीके से नहीं दबी है। जिसके चलते पानी लीकेज हो रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि इसी तरह तालाब से यदि लगातार पानी का रिसाव जारी था।
बताया गया कि विगत दिनों तालाब से तेजी से हो रही पानी रिसाव को देखते ही निर्माण एजेंसी के द्वारा पानी रिसाव वाले स्थानों में पत्थर/बोल्डर डालकर ऊपर से मिट्टी रखकर पानी को तालाब से दूर छोड़ा जा रहा था। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बरसात में जब अमृत सरोवर लबालब भर चुका था तब फूटने के डर से उपयंत्री के द्वारा जो दो जेसीबी लगाकर अमृत सरोवर के मेड़ को एक कोने से फोड़ कर पानी भगाया गया था इसके बाद उसकी भी मरम्मत नहीं की गई और तो और जो नीचे से पानी रिसाव हो रहा था उस पर कभी ध्यान नहीं दिया जिस कारण आज अमृत सरोवर पूरी तरह सूखा है जो अब किसी काम का नहीं।
इस मामले में ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों और निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।