आई विटनेस न्यूज 24, शुक्रवार 28 फरवरी,शासकीय हाई स्कूल मुड़की में मध्यप्रदेश विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल व महाकौशल विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वाधान में विज्ञान दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसके तहत विज्ञान रंगोली, विज्ञान मॉडल, निबंध, भाषण, परिचर्चा आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गई, जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन स्कूल की प्राचार्य सुनीता नामदेव की अध्यक्षता में किया गया। प्राचार्य सुनीता नामदेव ने बताया कि भारतीय भौतिक वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकटरमन सीवी रमन ने 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी। इस खोज के सम्मान में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। सी.वी. रमन को उनके आविष्कार रमन इफेक्ट के लिए साल 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था एवं साल 1954 में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। संस्था के ही विज्ञान शिक्षक मोहम्मद शकील मंसूरी द्वारा बताया गया कि कैसे आज हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपना कर देश एवं विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान दे सकते हैं और देश व समाज को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। कार्यक्रम में शिक्षक लक्ष्मी सैयाम, माया धुर्वे, दिनेश, निरिया, अभिलाष साहू एवं सोनाली पांडे उपस्थित रहे।
आई विटनेस न्यूज 24, शुक्रवार 28 फरवरी,शासकीय हाई स्कूल मुड़की में मध्यप्रदेश विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल व महाकौशल विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वाधान में विज्ञान दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसके तहत विज्ञान रंगोली, विज्ञान मॉडल, निबंध, भाषण, परिचर्चा आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गई, जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन स्कूल की प्राचार्य सुनीता नामदेव की अध्यक्षता में किया गया। प्राचार्य सुनीता नामदेव ने बताया कि भारतीय भौतिक वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकटरमन सीवी रमन ने 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी। इस खोज के सम्मान में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। सी.वी. रमन को उनके आविष्कार रमन इफेक्ट के लिए साल 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था एवं साल 1954 में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। संस्था के ही विज्ञान शिक्षक मोहम्मद शकील मंसूरी द्वारा बताया गया कि कैसे आज हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपना कर देश एवं विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान दे सकते हैं और देश व समाज को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। कार्यक्रम में शिक्षक लक्ष्मी सैयाम, माया धुर्वे, दिनेश, निरिया, अभिलाष साहू एवं सोनाली पांडे उपस्थित रहे।