गणेश पांडेय की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, गुरुवार 6 फरवरी, डिंडोरी । पूरे देश में चल रहे साइबर अपराध पर रोक लगाने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन ने आज साइबर सुरक्षा अभियान के तहत जन जागरूकता अभियान चलाया। जिसमें पहले स्थानीय भाषा में गीत के माध्यम से लोगों को साइबर अपराधों से बचने का तरीका बताया गया फिर अति पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम ने हरी झंड़ी दिखाकर साइबर सुरक्षा वाहन को रवाना किया।जिसमें साइबर अपराधों से बचने के लिए हम सबको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए बताया ।कार्यक्रम में मुख्य रूप से अति पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम, एसडीओ पी के के त्रिपाठी,कोतवाली प्रभारी दुर्गा प्रसाद नगपुरे,यातायात प्रभारी सुभाष उईके,तथा कोतवाली पुलिस अमला, और यातायात अमला मौजूद रहा । जागरूकता कार्यक्रम के दौरान जिले वासियों को जानकारी दी गई कि वे साइबर अपराधों से कैसे बच सकते हैं उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसकी जानकारी दी।
• फोन कॉल के जरिए आपके नाम से नकली पार्सल में अवैध सामान जैसे ड्रग्स आदि होने एवं अन्य अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने के नाम पर डराकर आपको डिजीटल अरेस्ट कर पैसे ऐठे जा सकते हैं। ऐसे कॉल्स से सावधान रहें।
• किसी भी प्रकार के लॉटरी, ईनाम, केशबेक, केबीसी लकी ड्रॉ, जॉब, लोन, बीमा आदि के लुभावने ऑफर्स से सावधान रहें।
• बकिसी संस्थान/कंपनी के कस्टमर केयर नंबर के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट्स/एप्स का ही प्रयोग करें। कस्टमर केयर नंबर को गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन पर खोजने से बचें।
• ऑनलाइन शॉपिंग के लिए विश्वस्नीय एवं प्रमाणित ई-कॉमर्स वेबसाइट्स/एप्स का ही प्रयोग करें।
• हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके नंबर की कॉल्स किसी अन्य अनजान नंबर पर फॉरवर्ड न हों।
• अपने सभी सोशल मीडिया, मेसेजिंग एप जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, वॉट्सएप, टेलीग्राम आदि पर 2 स्टेप वेरिफिकेशन विकल्प ऑन रखें, ताकि कोई आपके अकाउंट को हैक न कर सके।
• अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से अपने सभी डिवाइस को सुरक्षित रखें एवं किसी अनजान ई-मेल/लिंक खोलने से पहले प्रमाणिकता जाँच लें।
• सिम खरीदने के लिए संबंधित कंपनी के आधिकारिक स्टोर पर ही जाएं तथा दुकानदार या स्टोर संचालक को जो भी पहचान संबंधी दस्तावेज दें, उसमें उपयोग का उद्देश्य लिखकर फोटो पर क्रास साइन कर दें। संचालक / दुकानदार को एक से ज्यादा बार फिंगर प्रिंट व ओटीपी न दें।
• सेवानिवृत्त कर्मचारी की पेंशन के संबंध में यदि कोई ट्रेजरी/पेंशन अधिकारी बनकर कॉल करता है तो पहले संबंधित विभाग से कन्फर्म कर लें।
क्या न करें
• भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान नहीं है। पुलिस या जाँच एजेंसियों के कॉल/वीडियो कॉल करने वाले नाम पर जालसाज पर विश्वास न करें और न ही जालसाज के कहने पर स्काइप आदि वीडियो कॉलिंग एप्स डाउनलोड करें।
• शेयर मार्केट, क्रिप्टो करंसी आदि में निवेश पर कम समय में अधिक लाभ के प्रलोभन में न पड़ें। ऐसे फर्जी शेयरट्रेडिंग प्लेटफार्म एप में ट्रेडिंग से बचें। टेलीग्राम एप पर वर्क फ्रॉम होम एवं टास्क कंप्लीट करने के नाम पर रूपए कमाने के झांसे में न आएं।
• यदि आपको कोई यूपीआई पेमेंट करता है और वह कहता है कि आप पेमेंट स्वीकार करें तथा यूपीआई पिन एंटर करें तो ऐसा न करें। हमेशा ध्यान रखें पेमेंट करने के लिए यूपीआई पिन डालना होता है, पेमेंट प्राप्त करने के लिए नहीं।
• सोशल मीडिया जैसे वॉट्सएप, टेलीग्रीम, मेसेंजर आदि पर किसी के भी द्वारा भेजे गए APK फाइल्स को डाउनलोड व इंस्टॉल न करें। मोबाइल पर कोई एप इंस्टॉल करने के लिए गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर जैसे अधिकारिक एप स्टोर का ही उपयोग करें तथा वॉट्सएप/टेलीग्राम आदि पर मीडिया ऑटो डाउनलोड सेटिंग ऑफ रखें।
• सोशल मीडिया पर किसी मित्र द्वारा मजबूरी में पैसों की मांग करने पर तुरंत पैसे जमा न करें, पहले किसी विश्वसनीय माध्यम से पुष्टि कर लें।
• ऑनलाइन मित्र द्वारा भेजा गया महंगा गिफ्ट आदि प्राप्त करने के लालच में कस्टम ड्यूटी, एक्सचेंस चार्ज आदि के नाम पर कही पैसे जमा न करें।
• फोन पर किसी के कहने पर कोई एप्लीकेशन जैसे एनीडेस्क, टीम व्यूअर, क्विक सपोर्ट आदि अपनी डिवाइस पर इंस्टॉल न करें, और न ही इनका एक्सेस कोड बताएं।
• RBI विनियमित संस्थाओं से ही लोन लें। लोन एप उपयोग करने से पहले वेरिफाई करें, क्योंकि ऐसे एम निजी जानकारी चुराकर बाद में आपसे पैसे ऐंठते हैं। ऐसी कई फर्जी लोन एप इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।
• अपने नाम का बैंक खाता एवं सिम किसी अन्य को उपयोग करने हेतु न दें, न ही बेचें। अन्यथा आप पर कठोर कार्यवाही हो सकती है।