आई विटनेस न्यूज24,सोमवार 10 फरवरी,
जबलपुर। मध्य प्रदेश में एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने अवैध नशे के कारोबार और वन्यजीव शिकारियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। एसपी एसटीएफ भोपाल राजेश सिंह भदौरिया ने जबलपुर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में इस मामले का खुलासा किया।
उन्होंने बताया कि इसी तारतम्य में चंद्रपुर (महाराष्ट्र) में कटनी निवासी एक आरोपी के पकडे जाने पर पूछताछ में मिले इनपुट के आधार पर एस.टी.एफ. इकाई जबलपुर को कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिया जिस पर विशेष पुलिस महानिदेशक महोदय के मार्गदर्शन एवं पुलिस अधीक्षक एस.टी.एफ. राजेश सिंह भदौरिया के निर्देशन तथा एस.टी.एफ. इकाई जबलपुर प्रभारी उप पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार तिवारी के नेतृत्व में 5 विशेष टीम द्वारा कटनी, मण्डला, डिण्डौरी वन क्षेत्र में वांछित आरोपियों की पतासासी हेतु सर्चिग की कार्यवाही विगत 31 जनवरी से की जा रही थी। जिस पर विगत 10 दिवस की सघन सर्चिग से जिला डिण्डौरी थाना शहपुरा वन क्षेत्र के ग्राम पडरिया साकल में आरोपियों के ठिकानों एवं जमीन से 940 किलोग्राम गांजा एवं धारदार 8 चाकू तथा 52 विस्फोटक बम जिन्हे वन्य जीवों के मारने में उपयोग किया जाता है, जप्त किया एवं मौके से 4 व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। उक्त ठिकानों से 12 दोपहिया वाहन जो उक्त अपराधिक कार्य में उपयोग किए जा रहे हैं उन्हे जप्त किया। एस.टी.एफ. द्वारा हिरासत में लिए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर इस अंर्तराज्यीय गैंग के अन्य सदस्य जो टाईगर सहित वन्य जीवों के शिकार एवं गांजे के बडे मात्रा में अवैध क्रय विक्रय में संलिप्त हैं, उनकी पतासाजी एवं तलाश कर रही है। आरोपियों की सर्चिग कार्यवाही में स्टेट टाईगर स्ट्राइक फोर्स फारेस्ट के अधिकारी/कर्मचारियों का भी सहयोग लिया गया तथा अवैध गांजा के ठिकानों की सर्चिग एवं जप्ती की कार्यवाही में जिला पुलिस डिंडौरी भी संयुक्त रुप से सम्मिलित रही।
इस खुलासे में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए खाने की चीजों में बम छिपाकर उनका इस्तेमाल करते थे। वे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में टाइगर और अन्य वन्यजीवों का शिकार कर रहे थे।
एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि आरोपी उड़ीसा से छत्तीसगढ़ के रास्ते होकर एमपी के बॉर्डर एरिया में गांजा लाकर छिपाते थे। मंडला, डिंडोरी, कटनी और अनूपपुर जिलों में इस तस्करी का नेटवर्क फैला हुआ था।
जंगल में डेरा डालकर रहते थे तस्कर
आरोपी पकड़ में न आएं, इसके लिए वे जंगल में डेरा डालकर आदिवासियों की तरह रह रहे थे। एसटीएफ की टीम पिछले 31 जनवरी से लगातार इन तस्करों की रेकी कर रही थी और आखिरकार बड़ी सफलता हाथ लगी।
संयुक्त ऑपरेशन में मिली सफलता
इस पूरे ऑपरेशन में एसटीएफ, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और डिंडोरी पुलिस की संयुक्त टीम ने हिस्सा लिया। आरोपियों को अब रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की जाएगी, ताकि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी जानकारी मिल सके।
एसटीएफ की इस बड़ी कार्रवाई से गांजा तस्करों और वन्यजीव शिकारियों के खिलाफ सख्त संदेश गया है। इस मामले में आगे भी कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
- इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
एस.टी.एफ. इकाई जबलपुर द्वारा वांछित आरोपियों की वन क्षेत्र में पतारसी एवं तलाश हेतु 5 टीमें बनाई गई थी। जिसमें अवैध गांजा के ठिकानों की पतारसी एवं जप्ती में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका स.उ.नि.एस.टी.एफ.श्री शेलेन्द्र सोनी, आर.नीलेश दुबे की टीम की रही इसके साथ महत्वपूर्ण भूमिका एस.टी.एफ. इकाई जबलपुर के निरीक्षक गणेश सिंह ठाकुर, उ.नि. पंकज सिंह बिष्ट 3.नि. मुनेन्द्र कौशिक, उ. नि. गोपाल विश्वकर्मा, प्र, आर. संपूर्णानंद, प्र.आर. विनय कोरी, प्र.आर. निर्मल सिंह पटेल, प्र.आर. गजेन्द्र बागरी, आर. राजन पाण्डेय, आर. मनीष तिवारी, आर. चालक राहुल रघुवंशी, एवं स्टेट टाईगर स्ट्राईक फोर्स फारेस्ट के वन क्षेत्रपाल शुभम मिश्रा, पुलिस डिण्डौरी के निरी. शिवलाल, उ.नि. मनीराम जगदीश प्रसाद, सुदीप मिश्रा एवं मनीष पटेल तथा जिला एस.डी.ओ.पी.शहपुरा मरावी, उ.नि. ताकेश्वरी यादव, स.उ.नि. रुकमणि पासी आदि की रही।