जिले में रिकॉर्ड भ्रष्टाचार कब जागेंगे सरकार
राजेन्द्र तंतवाय की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, बुधवार 12 फरवरी,डिंडोरी आदिवासी बाहुल्य जिले में विकास के लिए आने वाली शासकीय धनराशि को जिले के जिम्मेदार नुमाइंदे अपने नफे के मुताबिक भ्रष्टाचार की बलिवेदी पर आहूत करते हैं जिले में ऐसे अनेकों मामले हैं जो मीडिया की सुर्खियां बटोरते हैं लेकिन बावजूद इसके न जनप्रतिनिधि विकास के लिए आने वाली शासकीय धनराशि पर होने वाले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने तत्पर दिखते हैं न जिम्मेदार सरकारी नुमाइंदे ऐसे में जिले भ्रष्टाचार की भागीरथी गंगा बहाने वालों पर कार्यवाही किसी दिव्यस्वप्न से कमतर नहीं गौरतलब है कि जिले में जल संरक्षण के नाम पर लाखों रुपए की लागत से अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य किया गया था जिनके निर्माण कार्य के साथ निर्माण कार्य में गुणवत्ता को दरकिनार कर निर्माण करने के आरोप लगते रहे पर जिम्मेदार नुमाइंदे अपने हिसाब से अपनी दलीलें देते रहे पर निर्माण कार्य में स्थल चयन से लेकर निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही का ही यह परिणाम है कि जल संरक्षण के नाम पर पानी की तरह पैसे बहाकर बनाए गए ज्यादातर अमृत सरोवरों में बूंद भर भी पानी नहीं कही उक्त सरोवर कहीं बच्चों के लिए क्रिकेट का मैदान तो कहीं इन सरोवरों में फसल लहलहा रही है ऐसे अमृत सरोवर का निर्माण कार्य किया गया है जनपद पंचायत अमरपुर अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रामपुरी में जहां जिले के ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा ठेकेदार के साथ सांठगांठ कर ऐसे अमृत सरोवर का निर्माण कार्य किया गया है जिसमें वर्तमान में बूंद भर पानी नहीं है जिस अमृत सरोवर से किसानों को अपनी फसल सिंचित करने के लिए पानी की दरकार थी पर उक्त सरोवर में बूंद भर भी पानी नहीं होने से कृषक ने अमृत सरोवर में ही मटर की फसल लगा दी यहां अव्वल सवाल यह है कि क्या ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के जिम्मेदार नुमाइंदों ने अपने द्वारा किए गए अमृत सरोवर का कभी हाल जानने का प्रयास भी किया है क्योंकि सरकार द्वारा जल संरक्षण को लेकर किए गए भागीरथी प्रयास अगर जिम्मेदारों के द्वारा शिद्दत के साथ धरातल में फलीभूत करने के प्रयास किए गए होते तो ये जो सूखे पड़े हुए अमृत सरोवर हैं ये पानी से सराबोर होते यूं तो आयदिन दिन अमृत सरोवरों में हुए भ्रष्टाचार की खबरें मीडिया में छाई रहती हैं पर जिले में भ्रष्टों पर कार्यवाही कोरी हवाबाजी तक सीमित है जिसका खामियाजा जिले के किसानों सहित ग्रामीणों उठाना पड़ता है। जैसा कि गर्मी शुरू होने से पहले ही ग्रामीण अंचलों में जल संकट गहराने की खबरें प्रकाश में आने लगी है ।