राष्ट्रीय गणित दिवस समापन कार्यक्रम में विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया - i witness news live
Breaking News
Loading...

TOP NEWS

राष्ट्रीय गणित दिवस समापन कार्यक्रम में विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया


 आई विटनेस न्यूज 24, सोमवार 6 जनवरी,शासकीय हाई स्कूल मुड़की में राष्ट्रीय गणित दिवस के सप्ताहिक आयोजन का समापन डॉ संदीप खरे सहायक प्राध्यापक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के मुख्य आतिथ्य में एवं डॉ एच.  एस. जामोद प्राध्यापक मॉडल कॉलेज डिंडोरी एवं डॉ विकास जैन आकांक्षा ब्लॉक फेलो बजाग के विशिष्ट आतिथ्य में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल, महाकौशल विज्ञान परिषद एवं हाई स्कूल मुड़की के संयुक्त आयोजन में किया गया

मां सरस्वती जी के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। डॉ. संदीप खरे के द्वारा महान भारतीय गणितज्ञ डॉक्टर श्रीनिवास रामानुजन के संपूर्ण जीवन वृतांत पर प्रकाश डाला गया। आपने उनके 33 वर्षीय जीवन काल की महान उपलब्धियां पर प्रकाश डाला| रामानुजन संख्या 1729 सबसे छोटी दो संख्याओं के घन का योग है। भारतीय ज्ञान परंपरा के प्राचीन भारतीय गणितज्ञों पर भी प्रकाश डाला गया। डॉक्टर एच.एस.जामोद महाकौशल विज्ञान परिषद के जिला सह समन्वयक ने बताया कि गणित की दैनिक जीवन में उपयोगिता क्या है? डॉक्टर विकास जैन ने गणित विषय में कैरियर निर्माण के बारे में बताया। संस्था प्राचार्य एवं महाकौशल विज्ञान परिषद डिंडोरी जिला समन्वयक सुनीता नामदेव ने बताया कि श्री रामानुजन ने 3884 प्रमेय का संकलन किया एवं 3900 से अधिक सूत्र दिए।गणित दिवस का हुआ सप्ताहिक आयोजन विश्व के महान् गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन औऱ अनंत का बोध "

राष्ट्रीय गणित दिवस पर  विभिन्न गतिविधियों निबंध, भाषण, रंगोली, पोस्टर निर्माण आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसका समापन आज हुआ श्री निवास रामानुजन के मैजिक वर्ग  का वर्णन किया गया । भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व को समझाया रामानुजन के गणितीय योगदानों में अनंत श्रेणियां भी शामिल हैं। उनके दार्शनिक दृष्टिकोण में, अपसारी श्रृंखला का अंतहीन विकास ईश्वर की अनंत प्रकृति का प्रतिबिंब था। रामानुजन के लिए डाइवर्जेंट सीरीज़ रिसर्च, केवल गणितीय प्रयास से कहीं ज़्यादा था, बल्कि यह ब्रह्मांड के रहस्यों के लिए उनकी आध्यात्मिक अन्वेषण का विस्तार भी था। इसलिए यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि उन्हें अनंत का बोध हो गया था। महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के सम्मान में हर वर्ष 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। रामानुजन बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इन्होंने स्वयं गणित सीखा और अपने जीवनकाल में गणित के 3,884 प्रमेयों का संकलन किया। उनके द्वारा दिए गए अधिकांश प्रमेय गणितज्ञों द्वारा सही सिद्ध किये जा चुके हैं। उन्होंने अपने प्रतिभा के बल पर बहुत से गणित के क्षेत्र में बहुत से मौलिक और अपारम्परिक परिणाम निकाले जिनपर आज भी शोध हो रहा है। हाल ही में रामानुजन के  गणित सूत्रों को क्रिस्टल-विज्ञान में प्रयुक्त किया गया। इनके कार्य से प्रभावित गणित के क्षेत्रों में हो रहे काम के लिये और इस महान गणितज्ञ को सम्मानित करने के लिए रामानुजन जर्नल की स्थापना भी की गई है। श्रीनिवास रामानुजन के अन्वेषण संपूर्ण विश्व के लिए मार्गदर्शी है उनमें से कतिपय अद्भुत और अद्वितीय हैं।

" रामानुजन संख्या के जादूगर थे अतिथियों का स्वागत तुलसी के पौधों एवं  स्मृति चिह्न भेंट कर किया गया।

कार्यक्रम के समापन पर विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।


Ashish Joshi

Ashish Joshi
ASHISH JOSHI | आई विटनेस न्यूज़ 24 के संचालक के रूप में, मेरी प्रतिबद्धता हमारे दर्शकों को सटीक, प्रभावशाली और समय पर समाचार प्रदान करने की है। मैं पत्रकारिता की गरिमा को बनाए रखते हुए हर खबर को सच के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूँ। आई विटनेस न्यूज़ 24 में, हमारा लक्ष्य है कि हम समाज को सशक्त और जोड़ने वाली आवाज़ बनें।