गणेश पाण्डे की रिपोर्ट,
आई विटनेस न्यूज 24, शुक्रवार 31 जनवरी,जनपद पंचायत डिंडोरी अंतर्गत ग्राम पंचायत मडियारास में निर्माण कार्यों में हुए भारी भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिला पंचायत द्वारा गठित जांच समिति अब तक मौके पर नहीं पहुंची है। ग्रामीणों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर 22 जनवरी 2025 को जिला पंचायत सीईओ ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था और सात दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। लेकिन आठ दिन बीत जाने के बाद भी न तो जांच रिपोर्ट सौंपी गई और न ही टीम ने गांव का दौरा किया।
ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार के आरोप
ग्रामवासियों ने वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 तक किए गए विभिन्न निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत की थी, जिनमें प्रमुख रूप से—
प्रधानमंत्री आवास निर्माण (2021-2022)
पार्को लेसिन टैंक निर्माण (2019-2020)
गोमती नदी में चेक डैम का जीर्णोद्धार (2021-2022)
हनुमान घाट रोड के किनारे अहीर तालाब के पास पुलिया निर्माण (2023-2024)
मजदूरी भुगतान में गड़बड़ी
ग्रामीणों का आरोप है कि इन कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
जांच समिति पर सवाल
सीईओ द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच दल—
1. विजेंद्र सारीवान (सहायक यंत्री, जनपद पंचायत डिंडोरी)
2. भोजराज परस्ते (अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, जनपद पंचायत डिंडोरी)
3. दीपक पांडे (ब्लॉक समन्वयक, प्रधानमंत्री आवास योजना, जनपद पंचायत डिंडोरी)
जांच कर सात दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश था, लेकिन टीम अब तक ग्राम पंचायत मडियारास नहीं पहुंची। इससे साफ जाहिर होता है कि जिम्मेदार अधिकारियों को न तो अपने कर्तव्यों का भय है और न ही उच्च अधिकारियों के आदेशों का पालन करने की चिंता।
ग्रामीणों में आक्रोश, कलेक्टर से हस्तक्षेप की मांग
जांच समिति की लापरवाही से नाराज ग्रामीणों ने अब जिला कलेक्टर से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र ही जांच शुरू नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी दिखाता है या फिर यह शिकायत भी फाइलों में ही दबी रह जाएगी।