गणेश पाण्डे की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, मंगलवार 21 जनवरी,डिंडोरी निवासी अंजार भारती पिता मोहम्मद याकूब के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है। अंजार भारती का कहना है कि उनके पंजाब बैंक खाते से 1,05,300 रुपये की राशि गायब हो गई है।
अंजार भारती के अनुसार, उन्हें 11 दिसंबर की रात को लगातार कई ओटीपी आए थे। उन्होंने इस संबंध में बैंक अधिकारी को रात 8:30 बजे फोन कर सूचित भी किया था।
बैंक अधिकारी ने अंजार भारती को 12 दिसंबर को कॉल किया, मोबाइल पर बताया कि एटीएम बंद कर दिया गया है और खाता सुरक्षित होने का आश्वासन भी दिया था। फिर उसी रात 8:30 बजे मोबाइल पर संदेश आया कि आपके खाते से 1,05,300 निकल गए, उन्होंने तुरंत बैंक अधिकारी से संपर्क किया। दिनांक 13 दिसंबर को अधिकारी ने भारती से बताया कि मैने आपका एटीएम बंद कर दिया था।साथ ही बैंक अधिकारी ने इस घटना को साइबर ठगी का मामला बताया। अंजार भारती ने उसी दिन पुलिस में लिखित शिकायत भी दर्ज की
काफी समय बीत जाने पर जब उन्हें उनकी समस्या का कोई समाधान होता नही दिखा तो भारती ने न्यायालय की तरफ बढ़ने का विचार कर अधिवक्ता सम्यक जैन से सलाह मशवरा किया,जिस पर अधिवक्ता जैन ने मामले की गंभीरता को देखते हुये पंजाब नेशनल बैंक मैनेजर के विरुद्ध लीगल नोटिस भेजा है। जिसमें अधिवक्ता सम्यक जैन ने कहा है कि दिनांक 12.12.24 को बैंक द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन करने के पश्चात ग्राहक के खाते से 1,05,300 रुपए की राशि धोखाधड़ी से काट ली गई, जिससे प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि बैंक अधिकारी एक दूसरे के साथ मिलीभगत कर रहे हैं।
क्या बैंक की भी कोई लापरवाही है?
"मशहूर साइबर क्राइम एक्सपर्ट अमित दुबे"
अमित दुबे के अनुसार, जब साइबर अपराधी ओटीपी के जरिए ठगी करते हैं, तो सबसे पहले बैंक की तरफ से डेटा ब्रीच (जानकारी की चोरी) होती है. अपराधियों के पास पहले से लोगों की निजी जानकारी मौजूद होती है, जिससे ठगी करना आसान हो जाता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की गाइडलाइन के मुताबिक, अगर बैंक की लापरवाही के कारण ऐसा होता है, तो बैंक को इसका जिम्मेदार ठहराया जाएगा और वो खाताधारक को पैसा वापस करेगा.