गणित दिवस का हुआ सप्ताहिक आयोजन
विश्व के महान् गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन औऱ अनंत का बोध "
शासकीय आदर्श महाविद्यालय में चार दिवसीय कार्यक्रम का हुआ समापन ।
आई विटनेस न्यूज 24, मंगलवार 24 दिसम्बर,राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष में चार दिवसी 19 से 23 दिसंबर तक विभिन्न गतिविधियों निबंध, भाषण, रंगोली, पोस्टर निर्माण आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसका समापन आज हुआ जिसमें विजेता प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि श्रीमती सुनीता नामदेव, विशिष्ट अतिथि डॉ विकास जैन एवं प्राचार्य डॉ सुल्तान सिंह धुर्वे की अध्यक्षता में विजेताओं को मेडल एवं प्रमाण पत्र वितरित कर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ मां वीणा वादिनि के पूजन व सरस्वती वंदना कर किया गया। मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् भोपाल एवं महाकौशल विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वाधान मे प्रायोजित इस महाविद्यालय के भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के सहयोग से आयोजित किया गया। इस अवसर पर सत्य प्रकाश पेंदो बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र द्वारा श्री निवास रामानुजन के मैजिक वर्ग का वर्णन किया गया । सुनीता नामदेव ने श्री निवास रामानुजन द्वारा दिया गया नंबर 1729 का महत्व बतलाया। विशिष्ट अतिथि डॉ विकास जैन ने भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व को समझाया रामानुजन के गणितीय योगदानों में अनंत श्रेणियां भी शामिल हैं। उनके दार्शनिक दृष्टिकोण में, अपसारी श्रृंखला का अंतहीन विकास ईश्वर की अनंत प्रकृति का प्रतिबिंब था। रामानुजन के लिए डाइवर्जेंट सीरीज़ रिसर्च, केवल गणितीय प्रयास से कहीं ज़्यादा था, बल्कि यह ब्रह्मांड के रहस्यों के लिए उनकी आध्यात्मिक अन्वेषण का विस्तार भी था। इसलिए यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि उन्हें अनंत का बोध हो गया था। महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के सम्मान में हर वर्ष 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। छात्रों द्वारा वैदिक गणित की पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई। डॉ जामोद ने कहा कि रामानुजन बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि इन्होंने स्वयं गणित सीखा और अपने जीवनकाल में गणित के 3,884 प्रमेयों का संकलन किया। उनके द्वारा दिए गए अधिकांश प्रमेय गणितज्ञों द्वारा सही सिद्ध किये जा चुके हैं। उन्होंने अपने प्रतिभा के बल पर बहुत से गणित के क्षेत्र में बहुत से मौलिक और अपारम्परिक परिणाम निकाले जिनपर आज भी शोध हो रहा है। हाल ही में रामानुजन के गणित सूत्रों को क्रिस्टल-विज्ञान में प्रयुक्त किया गया। इनके कार्य से प्रभावित गणित के क्षेत्रों में हो रहे काम के लिये और इस महान गणितज्ञ को सम्मानित करने के लिए रामानुजन जर्नल की स्थापना भी की गई है। श्रीनिवास रामानुजन के अन्वेषण संपूर्ण विश्व के लिए मार्गदर्शी है उनमें से कतिपय अद्भुत और अद्वितीय हैं।
" रामानुजन संख्या के जादूगर थे अतिथियों का स्वागत तुलसी के पौधों एवं स्मृति चिह्न भेंट कर किया गया। भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकाशित प्रकोष्ठ की सदस्य डॉ कल्पना मिश्रा द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा पर प्रकाश डाला गया । मंच संचालन श्रीमती अनामिका मिश्रा द्वारा किया गया एवं आभार व्यक्ति डॉ हिमांशु तिवारी द्वारा किया गया इस अवसर पर विद्यार्थी एवं समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।