गणेश पाण्डे की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, सोमवार 25 नवम्बर,डिंडोरी जिला मुख्यालय में सालों से चल रहा सीवर लाइन का काम आज भी अधूरा पड़ा है और जहां काम हुआ भी है व्यवस्थित नहीं हुआ । जिला मुख्यालय में प्रशासनिक अमले की उपस्थिति होते हुए भी मनमानी जारी है, जिस पर कोई अंकुश लगाने वाला नहीं है। जिम्मेदार नागरिकों का कहना है कि यह बड़ी ही विषम स्थिति है जिसके चलते एक ओर विकास के नाम पर करोड़ों रुपयों की परियोजना ने के माध्यम से सरकारी धन की होली न खेली जा रही है दूसरी और नगर की जनता आम सुविधाओं के लिए तरस रही है। नगर में विगत कई वर्षों से चली आ रही सीवर लाइन की परियोजना अपने अंतिम पड़ाव पर है, अब सरकार नकी इस व्यापक परियोजना का लाभ आमजन को मिलना है। किंतु इस । करोड़ों रुपए की परियोजना, जिसकी लागत अज्ञात हैं, परियोजना निर्माण की जानकारी देने वाला नगर में कोई नहीं है. नगर परिषद का साफ कहना है कि परियोजना का न तो संचालन उनके पास है न देखरेख, न ही मॉनिटरिंग, खैर बिना किसी सक्षम तकनीकी - जानकार के इस परियोजना को संपन्न - किया जा रहा है जिसके चलते सीवर लाइन की परियोजना पूरी तरह से निरर्थक और अनुपयोगी साबित होने का अंदेशा बना हुआ है। जिस योजना पर सरकार करोड़ो रुपए खर्च करके नगर को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने का दावा कर रही है।
सीवर लाइन से जोड़ी जा रही नालियां
नगर में निर्माणाधीन सीवर परियोजना के अंतिम दौर में अब घरों की सीवर की मुख्य लाइन से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य बिना किसी जिम्मेदार तकनीकी जानकार के ठेकेदार द्वारा पेटी कॉन्ट्रेक्टर के माध्यम से कराया जा रहा है। पेटी कॉन्ट्रेक्टर होने का दावा करने वाले व्यक्ति द्वारा सीवर के चैम्बरों में बाथरूम से निकलने वाला पानीए किचन से निकलने वाले पानी की लाइनों और सेप्टिक टैकस के ओवर रफ्लो पाइपों पाइपों को जोड़ा जा रहा हा है। हमारे प्रतिनिधि ने जब ठेकेदार द्वारा नियुक्त इस कथित पेटी कॉन्ट्रेक्टर से पूछा कि ऐसा वो किसके निर्देश पर कर रहा है तो उसका कहना है ठेकेदार ने सारी लाइनों को जोड़ने के लिए बोला है। उक्त व्यक्ति द्वारा कही और भी सीवर लाइनों का काम किया गया है इसका कोई जवाब नहीं दिया गया। हमारी जानकारी के अनुसार सीवर लाइन में केवल शौचालय की लाइन को जोड़ा जाना है। सीवर लाइन पूरी तरह से भूमिगत है और पूरी लाइन कंसील्ड है। ऐसे में गटर और सीवर चैम्बर में बनने वाली गैस और बदबू बाथरूम और किचिन के पाइपों से घरों में वापस जा सकती है। जबकि शौचालय में वाटर शील्ड मुर्गा की वजह से ऐसा होना संभव नहीं होता है।
मात्र छह इंच की पाइप लाइन
, अधिवक्ता सम्यक जैन का कहना है कि शौचालय के अलावा अन्य निस्तारी पानी की निकासी कैसे होगी।
कई वार्डों में सीवर लाइन के लिए बनाए गए टैंक अभी से लीक होने लगे हैं जिनसे गंदा पानी सड़क पर फैलता है।वार्ड नंबर दो में सुनील धूमकेती के घर में टैंक का गंदा पानी जाने लगा था जिससे ठेकेदार को बुलाकर मशीन से पानी फिकवाया गया तब समस्या दूर हुई।अभी भी कई जगह काम अधूरा पड़ा है।
खनूजा कॉलोनी निवासी राकेश मरावी किसी भी दशा में सीवर लाइन में डाली गई 6 इंच पाइप लाइन से संभव नहीं है। वहीं यदि इसमें निस्तारी लाइनों यानि नाली के पानी को जोड़ दिया जाता है तो इनसे निकलने वाले ठोस अवशिष्ट सॉलिड वेस्ट के कारण महज कुछ ही दिनों में पूरी लाइन चोक होने की पूरी संभावना है। जिससे बाद में साफकिए जाने की व्यवस्था और संसाधन इस परियोजना को आगे संचालित करने वाली डिंडोरी नगर परिषद के पास तो उपलब्ध नहीं है। नगर में जिस निस्तारी पानी की निकासी 1 से 1.5 मीटर लंबी, चौड़ी नालियों से संभव नहीं हो पा रही है उसकी निकासी सीवर लाइन के 6 इंचपाइप के माध्यम से कैसे सुगम और सुचारू रूप से हो पाएगी यह बड़ा सवाल है। इस सीवर लाइन परियोजना पर यदि जिम्मेदार अधिकारियों ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो और तकनीकी जानकारों के बिना यदि इसे इसी तरह निपटाने पर रोक नहीं लगाई गई तो करोड़ो रुपए की यह परियोजना चंद महीनों में ठप्प हो सकती है और विकास के नाम पर सरकार द्वारा व्यय की गई करोड़ो रुपए की होली हो जाएगी। भविष्य में नगर की सड़कों के बीच बने गटर सड़कों पर उफनाते दिखाई देंगे जो डिंडोरी की छोटी सी नगर पंचायत के लिए बहुत बड़ी समस्या होगी। अतः समय रहते जरूरी है कि नगर परिषद के जिम्मेवार अधिकारी इसकी तकनीकी जानकारी प्राप्त कर सीवर लाइन ठेकेदार द्वारा की जा रही इस तरह की गड़बड़ीयों को सुधरवाने की कार्यवाही करे। जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस तरह से मनमानीपूर्वक चल रहे सीवर लाइन के निर्माण कार्य पर उचित कार्यवाही करे ताकि कल सीवर लाइन विस्तार के नाम पर खोदी जा चुकी शहर भर की सड़कों के बीच बने चैंबरों से बाकी की बधी हुई सड़के गंदगी और गंदे पानी से लथपथ न दिखाई दे और सरकार के द्वारा सीवर परियोजना के लिए व्यय की गई करोड़ो रुपए की राशि के इस विकास कार्य का लाभ नगर की आमजनता को मिल सके।