ओमप्रकाश परस्ते की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, सोमवार 25 नवम्बर,प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ के बैनर तले प्रदेश के समस्त स्व सहायता समूहों एवं रसोइया बहनों को विभाग द्वारा प्रताड़ित किया जा रहे है,हम स्व सहायता समूहों एवं रसोइया बहनें प्रत्येक माह कर्ज लेकर भोजन बनने को मजबूर है। हमको विभागी अधिकारीयों द्वारा किसी ना किसी कारण प्रताड़ित किया जा रहा हैं। विभाग द्वारा दी जा रही प्रताड़ना के विरोध में 25 नवंबर 2024 को चांझा चूल्हा बंद कर एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
जिला अध्यक्ष संतोषी परस्ते ने बताया कि
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एमडीएम स्व सहायता समूहों एवं रसोइया बहनों की प्रत्येक माह की निश्चित एक दिनांक पर राशि वा खाद्यान्न प्राप्त कराए जाए।
(पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एमडीएम स्व सहायता समूहों एवं रसोइया बहनों की राशी पूर्व में माह के पहले हफ्ते में एडवांस दी जाती थी वर्तमान में 3 से 4 माह यानी 100 दिन के बाद राशी प्राप्त की जाती है वह भी 60%1)
स्व सहायता समूहों के अंतर्गत कार्यरत रसोइया बहनों को लगातार हटने का प्रयास किया जा रहा है। रसोइया बहनों को शासन द्वारा हटने पर पूर्णता रोक लगाई जाए बहनों का रोजगार का साधन बना रहे।
(सन् 2002 से संचालित रसोइया बहने प्रत्येक 25 बच्चो पर 1 रसोइया वा 101 बच्चों पर 4 रसोइया कार्यरत थी 2013 में रसोइया बहनों की संख्या करीब 2 लाख 32 हजार से अधिक थी लेकिन वर्तमान में गटकर 2 लाख कुछ ही बची है इसे ये अनुमान लगाना सरल होगा की हजारों की संख्या में बहनों का रोजगार छीन गया वा अभी भी लगातार रोजगार छीनने का प्रयास जारी है।