दीपक विश्वकर्मा उमरिया
आई विटनेस न्यूज 24, रविवार 17 नवम्बर,देश के लोगों को पीने योग्य साफ़ पानी हर तबके को मुहैया कराने के लिए भारत सरकार ने 2019 में अत्यंत महात्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का शुभारंभ किया। यह विभिन्न प्रदेशों में संबंधित विभागों द्वारा संचालित की जा रही है। हमारे प्रदेश में यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी phe विभाग को मिली है।योजना के संचालन में जिले को पानी मुहैया कराने में PHE के कार्यपालन यंत्री की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है।
यदि यही अधिकारी अयोग्य एवं निकम्मा हो तो जल जीवन मिशन के उद्देश्यों का बंटाधार होना तय है। यह बात उमरिया जिले के phe प्रमुख श्री अमित कुमार शाह पर एकदम सटीक बैठती है।
इनके कार्यक्षेत्र उमरिया के विभिन्न गांवों में लोग योजना के पूर्ण होने के पश्चात भी तालाब एवं नाले से पीने का पानी भरने के लिए महीनों से मजबूर हैं। उक्त संबंध में जब EE महोदय से उत्तर मांगने के लिए इनके दफ्तर पहुचे तो महोदय दफ्तर से 2 दिनों तक नदारद रहे और आदिवासियों के प्रति संवेदनहीनता दिखाते हुए अभी तक योजना का कोई संज्ञान नहीं लिया है। इन संवेदनहीन महोदय की नियुक्ति 15 मार्च 2024 को उमरिया में प्रभारी EE के तौर पर किया गया है।
इससे पूर्व अधिकारी माउगंज में EE के पद पर जून 2023 में पदस्थ किया गया। परंतु वहां संचालित हो रही योजनाओं के प्रति लगातार लापरवाही बरतने एवं लोगों/जनप्रतिनिधियों के द्वारा की जा रही शिकायतों को अनदेखा करने के कारण महोदय को mauganj में ही सजा के तौर पर EE से मूल पद AE पर पदस्थ किया गया था। परंतु महोदय अपने उच्च अधिकारियों से सांठगांठ के कारण महज 2 दिवस के भीतर उमरिया बतौर EE जनाब पदस्थ कर दिए गए।
इस जिले में भी पूर्व की भांति कार्य के प्रति गैर जिम्मेदाराना एवं निकम्मा रवैया, जनप्रतिनिधि द्वारा की जा रही आमजनों की दिक्कतों से संबंधित शिकायतों की अनदेखी एवं जल जीवन मिशन की योजनाओं का अत्यंत लचर तरीके संचालन करना इनके निकम्मेपन एवं अयोग्य होने को दर्शाता है । ऐसे अधिकारी जल जीवन मिशन की नल जल योजना का सर्वनाश कर देंगे और लोग बूंद बूंद पानी के लिए नदी और तालाबों का ही सहारा लेंगे। अतः ऐसे संवेदनहीन एवं अकुशल अधिकारी की जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजना में कोई आवश्यकता नहीं प्रतीत होती है। एवं इनको ऐसे महत्वपूर्ण पद प्रदान न करके इनका मूल पद AE ही ठीक रहता।