पूर्व में हो चुकी है मुख्य आरोपी सहायक आयुक्त की गिरफ्तारी
आदिवासी विभाग में करोड़ों की हेरफेर का मामला
राजेश ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, सोमवार 21 अक्टूबर,आदिवासी विभाग में दो करोड़ 59 लाख के घोटाले के मामले में आरोपी तत्कालीन सहायक आयुक्त की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने रविवार को तत्कालीन लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया है।जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।लेखपाल संदीप चौरसिया पर फर्जी तरीके से राशि के गबन से संबंधित दस्तावेज तैयार करने के आरोप हैं।दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी के साथ मामले की तस्वीर भी लगभग साफ हो गई है और पुलिस ने अन्य आरोपियों की पहचान भी कर ली है।जिनकी गिरफ्तारी निकट समय मे होने की संभावना है।इसके पूर्व पुलिस को अन्य आरोपियों की पतासाजी हेतु भारी मशक्कत करनी पड़ रही थी।गौरतलब है कि आदिवासी विभाग के सात बैंक खातों के जरिये हुई सरकारी राशि के हेरफेर के इस मामले को सुलझाने में पुलिस लंबे समय से प्रयासरत थी।जिसके चलते पुलिस ने राज्यस्तरीय और जिला स्तरीय जांच टीम के कथनों का अवलोकन भी किया था और अनिमितताओं को सच पाया था।इसी तरह तत्कालीन कलेक्टर ने भी चार सदस्यीय जिला स्तरीय टीम से शिकायत की पड़ताल करवाई थी।इस जांच दल ने भी तत्कालीन सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके के कार्यकाल में आदिवासी विभाग में 25 फरवरी से
2019 से 21 जनवरी 2021 तक की अवधि में भारी वित्तीय अनिमिताओं का लेख जांच प्रतिवेदन में किया था।इसके साथ ही लोकायुक्त जांच में यह घोटाला 2 करोड़ 59 लाख का पाया गया था।जिसके मद्देनजर तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर वर्तमान सहायक आयुक्त डॉ. संतोष शुक्ला ने तत्कालीन सहायक आयुक्त अमरसिंह उइके के विरूद्ध कोतवाली डिंडौरी में 21 फरवरी 2024 को धारा 420,409 और 34 के तहत मामला दर्ज करवाया था।
अपने विरुद्ध मामला दर्ज होने की भनक पाते ही आरोपी अमरसिंह अपने पदस्थापना स्थल सिवनी जिले से फरार हो गया था।जिसको पाँच माह बाद 27 जुलाई को भोपाल की होटल से गिरफ्तार किया गया था।
कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती पर भी पूछताछ जारी
करोड़ों के इस हेरफेर के मामले में पुलिस ने विभाग में हुये फर्जी 28 कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती पर भी पूछताछ शुरू कर दी है।पूर्व में मूल दस्तावेज जप्ती के बाद अब पुलिस ने सभी 28 ऑपरेटरों के नाम,पदस्थापना, कार्य अवधि, पदस्थापना आदेश सहित भुगतान के स्त्रोत और तरीकों की जानकारी भी तलब की है।जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।पुलिस ने सभी संदिग्ध कंप्यूटर ऑपरेटर से नियुक्ति संबंधित मूल दस्तावेज भी जप्त किये हैं।
अब तो आधा सैकड़ा से पूछताछ पूरी
मामला दर्ज होने के बाद कोतवाली पुलिस ने अब तक 50 की संख्या में विभागीय नुमाइंदों, व्यापारियों और सप्लायरों से पूछताछ करके आवश्यक दस्तावेजों का अवलोकन किया है।