डिंडोरी __ जिले में 16 अगस्त को सूबे के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का दौरा कार्यक्रम था जिसमें उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की साथ में जिले की प्रभारी मंत्री प्रतिमा बागरी,सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते,शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे सहित पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ जिले की जनता भी अपने मुख्यमंत्री को देखने सुनने बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे थे दरअसल अवसर था रक्षा बंधन और श्रावण उत्सव कार्यक्रम का जो मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य लाड़ली बहनों के लिए आयोजित था पर इसी अवसर पर जिले के अनेकों स्कूलों में ताला लटके रहने की तस्वीरें भी सामने आई है सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अनुसार डिंडोरी में लाड़ली बहनों के लिए आयोजित रक्षाबंधन और श्रावण उत्सव कार्यक्रम में जिले के स्कूलों में पदस्थ महिला शिक्षकों को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थित होने आदेशित किया गया था आदेश के परिपालन में महिला शिक्षकों को कार्यक्रम में उपस्थित होना पड़ा जिसके चलते दर्जनों स्कूलों में ताला लटकता रहा स्कूल के तय समय पर स्कूल आए नौनिहाल स्कूल में ताला लटकते देख अपने अपने घरों का रुख कर लिया कमोबेश यह नजारा जिले के अनेकों स्कूलों में देखने मिला स्कूलों में ताला लटके रहने के संबंध में जब विभाग के जिम्मेदार नुमाइंदों से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो वे भी दबी जुबान में विभाग के उच्चाधिकारी के खोफ से कुछ भी कहने से बचते रहे यहां अहम सवाल यह है की सी ,एम ,के कार्यक्रम में स्कूलों में ताला लगाकर आखिर किस आदेश के चलते शिक्षिकाओ को बुलाया गया था क्योंकि उक्त कार्यक्रम को लेकर अवकास घोषित नहीं किया गया था बावजूद इसके सूबे के मुखिया के जिले होने के बावजूद सरकारी स्कूलों में दिनभर ताले लटके रहे जिससे स्कूल में मिलने वाले दोपहर के भोजन से बच्चों को मरहूम रहना पड़ा वहीं लाड़ली बहनों के लिए आयोजित रक्षा बंधन एवं श्रावण उत्सव कार्यक्रम में अगांनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायकाओ को आमंत्रित न करना भी बड़ा सवाल है क्या इन्हें लाड़ली बहना नहीं माना जायेगा स्कूलों में जरूर ताले लटके रहे लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्र खुले रहे प्रशासन के इस दोहरे मापदंड को क्या संज्ञा दी जा सकती है।