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भारतीय किसान संघ द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र डिण्डौरी को सौंपा ज्ञापन


 हिमांशु  पाठक महानिदेशक भा.कृ.अनुसंधान परिषद (ICAR) नई दिल्ली के नाम पर


आई विटनेस न्यूज 24, मंगलवार 27 अगस्त,डिण्डौरी - भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रबंध समिति बैठक (जिसमें प्रत्येक राज्य के अध्यक्ष-महामंत्री-कोषाध्यक्ष एवं संगठन मंत्री उपस्थित रहते हैं)इस बार भुवनेश्वर(ओडिशा) मे गत 27-28 जुलाई 2024 को सम्पन्न हुई।इसमें प्रमुख 2 विषयों पर गम्भीरता से चर्चा करने के उपरांत सर्वसम्मति प्रस्ताव पारित हुए।


उनमें से एक प्रस्ताव - भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद किसान हित की आड़ में संदिग्ध समझौता से बाज आऐं हैं।* देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रचार-प्रसार का संस्थान ICAR है जिसके अंतर्गत हजारों की संख्या में वैज्ञानिक कई दशकों से कार्यरत है।जिन वैज्ञानिकों का भारत और भारत के बाहर अनेक देशों में फसल विविधिकरण, खाद्य सुरक्षा कई देशों में आर्थिक विकास में सहयोग रहा है।


पता नहीं क्यों पूरे ICAR की प्रतिभाओं को शर्मसार करते हुए कई देशी-विदेशी कम्पनियों के साथ ICAR समझौता करने लगा है ? क्या  ICAR  चाहता है कि कम्पनियां अपना कागज-अपना शोध पत्र दाखिल करें और ICAR के वैज्ञानिक अपनी प्रतिभा, योग्यता व कौशल को ताख में रखते हुए इन्हीं शोध पत्रों को स्वीकृति दे।


सभी को पता है कि ये सभी कंपनियां, शोषक शिकारी व्यापार करने में माहिर है। अभी तक भारत का किसान जो की करोड़ों की संख्या में है,ICAR के ऊपर विश्वास व भरोसा करता था। यह भरोसा ICAR क्यों तोड़ना चाहता है ? ऐसे अनेक प्रश्न इन्हीं समझौतों को लेकर भारत के किसानों के मन में है और क्योंकि भारतीय किसान संघ देश के करीब 1 लाख गांव से लेकर अधिकतर जिलों में और सभी राज्यों में अपने संगठन का विस्तार करते हुए किसानों की मनोभावना समझते हुए "देश हित के अंतर्गत किसान हित" के लिए कार्यरत है, तब भारतीय किसान संघ के सामने ऐसे समझौतों के खिलाफ आवाज उठाने के बजाय अन्य कोई रास्ता नहीं बचता है।


 इसलिए हम मांग करते हैं कि ये सभी समझौते रद्द किये जायें। किसानों के बीच में पुनः विश्वास स्थापित करने के लिए व्यापक बहस और चर्चा करने के बाद ही किसी समझौते के बारे में सोचा जावें और केन्द्र सरकार से आग्रह है कि सरकार  ICAR व संबंधित शोध केन्द्रों को पर्याप्त वित्तीय प्रावधान करें। तथा बजट में उल्लेखित निजी कंपनियों को शोध के लिए जो प्रावधान किए गये हैं, उसको भी शासकीय शोध संस्थानों को उपलब्ध करावें।


इस ज्ञापन कार्यक्रम में भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष बिहारी लाल साहू, डिण्डौरी तहसील अध्यक्ष खमोद चंदेल सदस्य भोला ठाकुर आदि लोग रहे उपस्थित।


Ashish Joshi

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