डिंडोरी जिले के समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चांदरानी के वर्तमान रोजगार सहायक राधेश्याम राजपूत पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने का आरोप लगाया गया है। ग्राम चांदरानी के निवासी रामकिशोर द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी चाही गई थी जिसमे चौकाने वाली जानकारी मिली।
वर्ष 2010 में प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायक कि
भर्ती किया गया था, जिसमें म प्र राज्य शासन द्वारा मान्यता
प्राप्त कम्प्यूटर का 20 अंक देना तय था लेकिन रोजगार सहायक राधेश्याम राजपूत के
द्वारा अन्य राज्य नागालैण्ड का दा ग्लोबल ओपन युर्निवसिटी का डिप्लोमा इन
कंप्यूटर एप्लीकेशन का कूटरचित डिप्लोमा लगाया गया
जिला पंचायत डिण्डौरी से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाही गई थी जिसमें
पाया गया है कि चयनित रोजगार सहायक राधेश्याम राजपूत और उसके मामा के लड़के, मनोज कुमार चंदेल के प्रमाण पत्र में नाम और रोल नम्बर के अलावा दोनो सेमेस्टर
के प्रमाण पत्र में प्राप्तांक एक समान है जो स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है जिससे
ऐसा प्रतीत होता है कि राधेश्याम राजपूत का प्रमाण पत्र कूटरचित हैं।
चयनित ग्राम रोजगार सहायक 20 अंक पाने के फिराक में दा ग्लोबल ओपन युर्निवसिटी
नागालैण्ड का कूट रचित तरीके से प्रमाण पत्र लगा कर चयन समिति को गुमराह कर के
उक्त पद का ग्रहण कर लिया गया राधेश्याम राजपूत के डिप्लोमा में ROLL.NO.R लिखा है,
जबकि द ग्लोबल ओपन
युर्निवसिटी नागालैण्ड द्वारा जारी अन्य डिप्लोमा में ROLL NUMBER लिखा है जिससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि यह कूटरचित है। एक
ही यूनिवर्सिटी के एक ही सत्र के और एक ही पाठ्यक्रम के डिप्लोमा प्रमाण पत्र में
अलग-अलग तरीके से छपा (लिखा ) हुआ होना दस्तावेज का कूट रचित होना दर्शाता है।
इस संबंध में जब
ग्राम पंचायत चांदरानी के वर्तमान रोजगार सहायक राधेश्याम राजपूत से जानकारी चाही
गई तो पहले गोलमोल जवाब देते नजर आए फिर जब मूल दस्तावेज डिप्लोमा दिखाने की बात
कही गई तो ग्राम पंचायत से भाग खड़े हुए।