ऐसे में कैसे स्कूल चलें हम ?
डिंडोरी जिले में शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। आए दिन मीडिया में खबरें
प्रकाशित होने के बाद भी व्यवस्था में सुधार होते नहीं दिखती। कहीं शराब पीकर
शिक्षक सेवा दे रहे हैं तो कहीं सालों से अनुपस्थित रहकर वेतन ले रहे हैं। कहीं
स्कूलों में शिक्षक सोते हुए पाए जाते हैं तो कहीं मध्यान भोजन अवस्थित है। कहीं
जर्जर भवनों में जान जोखिम में डालकर बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। कही
स्कूलों में समय से शिक्षक नहीं पहुंचते।
इन सब को देखते हुए शासन की योजनाएं में दिखावा साबित हो रही है। कहीं स्कूल
चले हम, सब पढ़े सब बढ़े, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, के नारे जुमले साबित हो रहे हैं। ऐसी
ही तस्वीर है जिले की शिक्षा व्यवस्था की ।
जिले में निजी स्कूलों को भी नियम विरुद्ध स्कूल का संचालन करने के कारण जिला
कलेक्टर द्वारा जुर्माना लगाया गया है। शुल्क में अनियमितता और मनमाने तरीके से
संचालन करने पर जिले के कई निजी स्कूलों को 2*2 लाख रु का जुर्माना
लगाया गया है ।ज्यादातर स्कूलों ने अभी भी जुर्माने की राशि जमा नहीं की है ।
इन शासकीय स्कूलों में पाई गई गड़बड़ी
1*करंजिया विकासखंड के
माध्यमिक शाला भूसंडा में दो शिक्षकों के विलंब से पहुंचने पर विकासखंड शिक्षा
अधिकारी ने वेतन काटने की बात कही है।
2- विकासखंड डिंडोरी के
संकुल केंद्र अझवार के अंतर्गत पड़ने वाली शासकीय प्राथमिक शाला सारसताल जहां पदस्थ शिक्षिका भारती परस्ते स्कूल टाइम पर
बच्चों को पढ़ाना छोड़,अपनी कुर्सी पर बैठकर नींद में चकनाचूर है!
गौरतलब है कि अगर समय-समय पर विभाग के अधिकारियों के द्वारा विद्यालय का निरीक्षण
होता रहे, तो शायद ही इस प्रकार की लापरवाही
शिक्षक/शिक्षिका अपने विद्यालयों में ना करते!
3-समनापुर विकास खंड के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक शाला भाजीटोला में छत की
हालत जर्जर होने से बच्चे छत में पन्नी लगाकर शिक्षा पा रहे हैं
4-जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं शिक्षा समिति अध्यक्ष श्रीमती अंजू
व्यवहार के द्वारा जिला मुख्यालय से लगे मड़ियारास हाई स्कूल का निरीक्षण किया गया
जिसमें मध्यान भोजन में लापरवाही तथा स्कूल भवन बिल्डिंग में टूट फूट जैसी शिकायत
देखने को मिली। स्कूल में मध्यान भोजन में खाने की क्वालिटी एकदम निम्न स्तर की
पाई गई पानी जैसी दाल और 15 *20 बच्चों के लिए नाम मात्र का
भोजन पाया गया।
5- जनपद पंचायत डिंडोरी अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत विक्रमपुर
के छर्रा टोला स्थित कन्या हाई स्कूल का है जहां भवन पूरी तरह से बदहाल स्थिति में
है भवन के सभी कमरों की छत से प्लास्टर के बड़े बड़े टुकड़े टूट कर फर्श पर
गिर रहे है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उक्त भवन की मरम्मत कार्य वर्ष 2012 _
13 में किया गया
था लेकिन कार्य करने वाले के मरम्मत के नाम पर लीपापोती कर कार्य पूर्ण कर दिया
गया वर्तमान समय में भवन के अंदर बैठ कर छात्राओं को अध्यापन कार्य करना उनकी जान
जोखिम में डालने से कमतर नहीं है लिहाजा हाई स्कूल प्राचार्य के द्वारा
"" शासकीय कन्या हाई स्कूल विक्रमपुर क्षतिग्रस्त होने से प्रवेश वर्जित
है "" का बैनर भवन के मुख्य द्वार के पास लगा दिया गया है
6- जिला मुख्यालय से महज 13 कि, मी ,दूर शाहपुर के पूर्व
माध्यमिक शाला का है जहां टपकती छत और दलदल भरी सड़क के साथ अव्यवस्थाओं के बीच
देश का आने वाला भविष्य कस मकस एवं जद्दोजहद के साथ बेबसी में संवर रहा है इसे
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का दुर्भाग्य कहें या फिर विडंबना पर जमीनी
हकीकत यही हैइतना ही नहीं पढ़ने वाले बच्चों के उपयोग के लिए बनाया गया टॉयलेट भी
बदहाल और जजर्र स्थिति में पड़ा हुआ है मजबूरन छात्र छात्राओं को उक्त जजर्र
टॉयलेट का उपयोग करना पड़ रहा है शाला में पदस्थ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त
पर बताया की इनके द्वारा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से पत्राचार के माध्यम से
स्कूल की समस्याओं से अवगत कराया गया लेकिन नतीजा सिफर ही रहा
7-समनापुर ब्लॉक के ग्राम चंदरानी का बताया जा रहा है जिसमे
स्कूल के बच्चे कीचड़ से होकर जाते दिख रहे है।
बारिश के मौसम में ग्रामीण अंचलों में स्कूलों तक पहुंचने के लिए विद्यार्थियों
को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
हमने वीडियो देख कर
विद्यार्थियों से जानकारी ली तो विद्यार्थियों ने बताया कि थोड़ी बारिश से ही
मार्ग बेहद खराब हो जाता है। यदि अधिक बारिश हो जाती है तो रास्ता पूरी तरह से बंद
हो जाता है, जिसकी वजह से स्कूल तक पहुंचना
मुश्किल भरा साबित होता है
8- प्राथमिक शाला खेरी टोला
नुनखान का बताया जा रहा है। जहां शराब के नशे में धुत्त एक शिक्षक का वीडियो बनाकर
ग्रामीणों ने वायरल कर दिया,बताया गया की ग्रामीणों ने शराबी शिक्षक का वीडियो बनाने के साथ ही उसका
मेडिकल परीक्षण भी कराया है, बताया गया की काफी समय से शराबी शिक्षक की शिकायत थी ,लेकिन ऐसे शिक्षक पर कार्रवाई न होना भी
बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं। शराबी शिक्षक की हरकतों का खामियाजा बच्चे भुगतने को
मजबूर हैं, और बच्चों का भविष्य खराब
हो रहा है।
9-डिंडोरी विकासखंड शिक्षा
अधिकारी ने सहायक आयुक्त कार्यालय को 9 शराबी शिक्षक और दो
शराबी महिला कर्मचारियों की जानकारी भेजी है। तीन शिक्षकों का वेतन लंबे समय से रोकने की जानकारी भेजी गई है। तीन
गायब शिक्षकों का रोका गया वेतन------- बीईओ बीडी सोनी ने बताया कि संतोष अहिरवार, विष्णु मरावी, कमल सिंह मरावी, शिक्षिका बिसमत परस्ते, राम लाल परस्ते, बाबू परस्ते, सुभु लाल मरकाम रविंद्र मरकाम राम परस्ते
मनोहर धुर्वे दैनिक वेतन भोगी सरिता धुर्वे शराब पीकर काम में आते हैं और गायब भी
रहते हैं वीरेंद्र झरिया शिक्षक हाई स्कूल पडरिया कला 1 अगस्त 2021 से गायब है जगनारायण परस्ते सहायक शिक्षक माध्यमिक शाला नेवसा लंबे
समय से अनुपस्थित हैं जय सिंह मरकाम ग्राम खामी प्राथमिक शाला लकवा से बीमार है इन
तीनों शिक्षकों का वेतन नहीं दिया जा रहा है जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने भी बताया कि
जल्द ही जिले के सभी विकास खण्डों से ऐसे लापरवाह शिक्षकों की सूची मंगाई जा रही
है इन पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जावेगी
शासन के द्वारा शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नित्य नए प्रयोग किया
जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर जिले में शिक्षा व्यवस्था होती जा रही है जिसका मुख्य
कारण कार्यवाही का ना होना है। कार्यवाही के नाम पर महज खाना पूर्ति ही जिले की
नाकाम शिक्षा व्यवस्था के लिए उत्तरदायी है.................?