डिन्डोरी चंद्रमा में चंद्रयान-3की सफल सॉफ्ट लेंडिंग के ऐतिहासिक पल को
यादगार बनाने के लिए भारत सरकार ने 23
अगस्त 2024 को प्रथम "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस " घोषित किया है। देश के वैज्ञानिकों के सम्मान
में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस कार्यक्रम का आयोजन शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय डिंडोरी
में प्राचार्य एस के द्विवेदी के मार्गदर्शन में किया गया। इस अंतरिक्ष दिवस
कार्यक्रम के प्रभारी शिक्षक जितेंद्र दीक्षित ने बतलाया भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान
के जनक वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई एवं डॉ रामनाथन के नेतृत्व में 1962 में
अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया था। भारत सरकार ने 15
अगस्त 1969 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो का गठन किया गया। चंद्रयान -3
की चंद्रमा के दक्षिणी क्षेत्र में साफ्ट
लेंडिंग करने वाला भारत दुनिया का प्रथम देश का गौरव हासिल किया। भारत ने 1975 में
प्रथम स्वदेशी उपग्रह आर्यभट्ट को तत्कालीन सोवियत संघ की मदद से अंतरिक्ष में
स्थापित किया।चंद्रयान 3 की सफलता के महज 9 दिन बाद 2 सितंबर 2023 को भारत ने पहला सूर्य मिशन आदित्य L1 को 125 दिन बाद लैन्ग्रेजियन पॉइंट L-1पर स्थापित कर पुनः
विश्व को चकित कर दिया। भारतीय अंतरिक्ष संगठन इसरो ने पिछले 40 वर्षों में भेजे
गए सेटेलाइट का सफलता प्रतिशत 90 रहा है
एवं कम मूल्य पर सेटेलाइट को स्वदेशी रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष मे स्थापित
किया है। उत्कृष्ट विद्यालय डिंडोरी में आयोजित कार्यक्रम विज्ञान भारती महाकोशल प्रान्त के
मार्गदर्शन एवं कक्षा 11वी एवं 12 वीं के
विद्यार्थियों ने सहभागिता की जिसमे अंतरिक्ष दिवस पर भाषण, निबंध ,पोस्टर एवं चंद्रयान 3पर क्विज प्रतियोगिता
आयोजित की गई। कार्यक्रम का मंचीय संचालन चीनू पाटिल कक्षा 12 गणित द्वारा किया
गया। इस अंतरिक्ष कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षिका लतिका डेनियल, उच्च माध्यमिक शिक्षक उपासना चौबे, जितेंद्र दीक्षित ,वेदवती सिन्द्राम, त्रिवेणी मिश्रा, पी एस कुशराम , रीतेश मरावी , अरबाज खान लखन गौतम, देवेंद्र पाटकर , वीरेंद्र उद्देशिया, रोहित वशेष पवन बर्मन, प्रवीण परस्ते, के डी मिश्रा , इमरान मलिक ,शिवानी सोनी , उपस्थित रही।