मरम्मत के बाद भी दुर्दशा का शिकार
आशीष जोशी
आई विटनेस न्यूज 24, बुधवार 31 जुलाई,डिंडोरी = नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ होते ही आदिवासी बाहुल्य जिले में शिक्षा विभाग की व्यवस्थाओ की पोल खुल कर सामने आ गई है कहीं किराए के मकान में स्कूल संचालित हो रहे हैं
तो कहीं टपकती छत के नीचे छात्र छात्राओं को अध्यापन कार्य करना पड़ रहा है जो स्कूल चलें हम अभियान पर बदनुमा दाग से कमतर नहीं है ऐसा ही मामला है जनपद पंचायत डिंडोरी अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत विक्रमपुर के छर्रा टोला स्थित कन्या हाई स्कूल का है जहां भवन पूरी तरह से बदहाल स्थिति में है
भवन के सभी कमरों की छत से प्लास्टर के बड़े बड़े टुकड़े टूट कर फर्श पर गिर रहे है सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उक्त भवन की मरम्मत कार्य वर्ष 2012 _ 13 में किया गया था लेकिन कार्य करने वाले के मरम्मत के नाम पर लीपापोती कर कार्य पूर्ण कर दिया गया वर्तमान समय में भवन के अंदर बैठ कर छात्राओं को अध्यापन कार्य करना उनकी जान जोखिम में डालने से कमतर नहीं है लिहाजा हाई स्कूल प्राचार्य के द्वारा "" शासकीय कन्या हाई स्कूल विक्रमपुर क्षतिग्रस्त होने से प्रवेश वर्जित है "" का बैनर भवन के मुख्य द्वार के पास लगा दिया गया है
भवन जर्जर होने के चलते पुस्तक भंडारण कक्ष के साथ लैब में एक की कमरे में दो कक्षाओं का संचालन स्कूल प्रबंधन के द्वारा किया जा रहा है ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है की इस आदिवासी बाहुल्य जिले में ""कैसे पढ़ेगा इंडिया और कैसे बढ़ेगा इंडिया "" कमोबेश जिले के शिक्षा के मंदिरों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है लेकिन बावजूद इसके विभाग के जिम्मेदार नुमाइंदों को इससे जरा भी सरोकार नहीं है वहीं जिले के तमाम जनप्रतिनिधियों को भी ऐसी समस्याओं से मतलब नहीं है इसे दुर्भाग्य से कम क्या कहा जा सकता है की सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बेबसी एवं लाचारी में अपना भविष्य संवारने विवश होना पड़ रहा है बहरहाल आगे भी जिले का सरकारी तंत्र एवं जनप्रतिनिधि शिक्षा से जुड़े गंभीर मसलों पर कब संवेदनशील होंगे देखने वाली बात होगी।