डिंडोरी जिला मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में किराना दुकानों में धड़ल्ले से एक्सपायरी डेट की खाद्य सामग्री बेची जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नर्मदागंज की कुछ दुकानों और सुबख़ार की कुछ दुकानों में टोमेटो केचप और मोनाको बिस्किट्स एक्सपायरी डेट के पाए गए हैं। एक उपभोक्ता के द्वारा बताया गया कि कल मैं नगर की एक प्रतिष्ठित दुकान से पतंजलि का टोमेटो कैचप खरीदा जिस पर एक्सपायरी डेट 12-4-2024 अंकित थी। इसके अलावा मेरे द्वारा मोहल्ले की एक दुकान से 10 मूल्य का मोनेको बिस्किट खरीदा गया जिसकी एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी। इसका मतलब यह है कि नगर की अन्य दुकानों पर भी एक्सपायरी डेट की खाद्य सामग्री बड़ी मात्रा में हो सकती है इतना ही नहीं इन फुटकर व्यापारियों को थोक में माल देने वाले व्यापारी अपने गोदाम में कैसा अमानक माल एकत्र कर रखे हुए हैं इस बात का भी खुलासा हो सकता है। नगर की एक दवा दुकान में भी एक्सपायरी डेट की कोस्मेटिक और दवा ग्राहक को दी गई थी परन्तु ग्राहक के पास उस खरीदी गई वस्तु का बिल ना होने के कारण दुकानदार का नाम उजागर नहीं किया जा रहा है। इसलिए आम जनता को सावधान रहने की आवश्यकता है खरीदी गई वस्तु का बिल अवश्य लें या कम से कम खरीदी गई वस्तु की समाप्ति तिथि अवश्य देख कर लें।
अधिक दामों पर बेचे जा रहे शीतल पेय पदार्थ
जिले में शीतल पेय पदार्थ अधिक दामों पर बेचा जा रहा। शीतल पदार्थ की जिस बोतल पर 20 अंकित है उसे बोतल को 25 में बेचा जा रहा है 40 प्रिंट की बाटल 45 रु में और दुकानदार का कहना है कि 5 रु फ्रिज में रखकर ठंडा रखने का चार्ज ले रहे हैं। ऐसे मामलों में कंपनी गलत है या थोक विक्रेता या फुटकर विक्रेता लेकिन शोषण तो जनता का ही हो रहा है।
घरेलू सिलेंडर का हो रहा व्यावसायिक प्रयोग
केवल जिला मुख्यालय ही नहीं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी घरेलू गैस सिलेंडरों का दुकान और होटलों में उपयोग किया जा रहा है। ऐसे मामलों में संबंधित विभाग कभी-कभी एक दो कार्यवाही कर खानापूर्ति कर लेते हैं।
कस्बे के होटलों, मिठाई व चाय की दुकानों में घरेलू गैस सिलेंडर का खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है। इसके बावजूद लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। दूसरी ओर नियम यह है कि इस तरह के प्रतिष्ठानों पर घरेलू गैस की जगह कामर्शियल सिलेंडरों का प्रयोग किया जा सकता है।
पिछले कई सालों से कस्बे में घरेलू गैस सिलेंडर का व्यावसायिक कामों में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। इन सिलेंडरों पर सब्सिडी जारी होने के बावजूद इनके व्यावसायिक उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लग पाया है। इस कारण घरेलू गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी बढ़ रही है।
शहर में कई होटल संचालकों ने व्यावसायिक गैस के कनेक्शन ले रखे हैं। वहां उनकी खपत हर महीने चार से पांच सिलेंडर की है। मगर ये होटल संचालक व्यावसायिक सिलेंडर की बजाए घरेलू सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि कुछ होटल और चाय की दुकान चलाने वालों ने व्यावसायिक सिलेंडर के कनेक्शन लिए हुए हैं। मगर वे भी बड़े सिलेंडरों की बजाए घरेलू गैस सिलेंडरों का प्रयोग कर रहे हैं। मगर इन पर प्रशासन की ओर से किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लग पा रहा। इसलिए इन लोगों के हौसले बुलंद हैं।