डिन्डोरी जिला मुख्यालय में अनेकों प्लाटिंग कर प्लांट क्रय विक्रय कालोनी बनाना एवम कॉलोनियों का निर्माण की अनुमति कॉलोनाइजरों द्वारा ले तो लिया गया हैं। परंतु शासन द्वारा जारी नियम निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा हैं। जिस संबंध में प्रशासन द्वारा नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया हैं।
मामला दरअसल आर टी आई से मिली जानकारी अनुसार यह तथ्य उजागर हुआ है कि मृदु किशोर कालोनी ओर आज तक क्यो नही हुई कार्यवाही कारण यह निकला कि डिंडौरी नगर के मुख्य मार्ग से लगे मृदु किशोर कॉलोनी जिसे वर्ष 2009-10 में नियम 12 के तहत कॉलोनी विकास की अनुमति शासन द्वारा निर्धारित 13 शर्तों के अधीन दी गई हैं। जहां पर अभी भी अनेकों शर्तों की अवहेलाना की गई हैं। जैसे कमजोर वर्गों के भूखंडों/ भवन का विकास/ निर्माण प्रथमत: करना होगा, और कॉलोनाइजरों द्वारा कमजोर वर्ग के लिए भवनों के विकास का विकल्प चुना गया हैं। साथ ही नक्शे में दर्शित अनुसार कुल 22 भवन जो प्रत्येक 432 वर्ग फीट जो कुल 9504 वर्ग फीट क्षेत्र है में आर्थिक रूप कमजोर वर्ग के लिए भवन निर्माण किए जाने की शर्तें पूरी करनी थी जो आज भी शर्ते पूरी नही की गई । वही वर्षों बीत जाने के बावजूद भी आर्थिक कमजोर व्यक्ति उपेक्षा के शिकार हैं। जो आवास सुविधा से वंचित हैं। नियम शर्त अनुसार विकसित कॉलोनियों का 25 प्रतिशत के साथ 20 से 24 वर्ग मीटर के आधार के भवन उपलब्ध कराया जाना नियमों में उल्लेख हैं। जिसका चयन उपरांत सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश से अनुमोदन अनुसार उपलब्ध कराया जाना लेख में है । साथ ही नक्शा प्राक्लन अनुसार खुले एवं खाली जगह में भी निर्माण किया गया हैं। जोकि नियमों की अवहेलाना की श्रेणी में आता हैं। मृदु किशोर कॉलोनी के अंदर शासकीय नहर में भी कॉलोनाइजरों द्वारा अतिक्रमण किया गया हैं। जो अपराध की श्रेणी में आता हैं। इस प्रकार उपरोक्त कॉलोनाइजरों द्वारा अनेकों अनियमित्ताएं बरती गई है , जो कि नियमों के तहत कार्यवाही करते हुए मामला दर्ज का विषय हैं। एवं शासकीय नियम शर्तों की भी अवहेलना की गई है वही कहीं न कही पंजीयन अधिकारी की भी जाँच का विषय है , वही नियमतः सभी दस्तावेजो के अवलोकनार्थ के बाद रजिस्ट्री होती तो ये कालोनाइजर द्वारा जमीनी की क्रय विक्रय एवम अवैध प्लाटिंग पर शिकंजा कसा जा सकता है ।आखिर जमीन विक्रय के समय सम्बंधित विभाग इस बात को भी अनदेखा कर देते हैं कि कॉलोनाइजर शासन के नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं ?
नाला और गार्डन अब केवल कागजों पर
सूत्रों की माने तो
कॉलोनाइजर द्वारा अवैध तरीके से मोहल्ले से निकलने वाले नाले पर अतिक्रमण कर कब्जा
कर लिया गया है ।
कॉलोनाइजर अधिनियम के तहत
कॉलोनी में गार्डन / बगीचा बना होना चाहिए उसके स्थान पर खाली जगह ही है जिसे तार
से घेरकर ताला लगाकर रखा गया है।
वार्ड वासियों का कहना है जल्द ही नाले का सीमांकन
भी कराया जायगा जिससे वास्तव् में पता चल सके कि नाला है भी या नहीं