एक वर्ष से भी अधिक का हो चुका कार्यकाल फिर भी पार्षदों और अध्यक्ष की भूमिका परिषद में शून्य (नगर परिषद डिंडोरी ) - i witness news live
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एक वर्ष से भी अधिक का हो चुका कार्यकाल फिर भी पार्षदों और अध्यक्ष की भूमिका परिषद में शून्य (नगर परिषद डिंडोरी )



जिले के अधिकारी और नेताओ ने  साधा मोन 
आई विटनेस न्यूज 24 डिंडोरी, डिंडोरी नगर परिषद के चुनाव को लगभग एक वर्ष से भी अधिक होने को है फिर भी नगर परिषद में पार्षदों के साथ साथ अध्यक्ष की भूमिका शून्य दिखाई दे रही है। जिसका खामियाजा नगर के आम जन को भोगना पड़ रहा है आज नगर परिषद क्षेत्र की स्थिति इतनी बत्तर है कि न तो वार्डो के हाल सुधर रहे है न ही परिषद की स्थिति। आलम यह है की नगर के सभी वार्डो में न तो सड़के दुरुस्त है ना ही साफ सफाई की कोई खास व्यवस्था है कई कई दिनों तक वार्डो में कचरा वाहन भी नही पहुंचता है,न ही मुख्य मार्गों मैं साफ सफाई की जाती है। वही पार्षदों की भूमिका भी वार्डो में कुछ खास नजर नही आती पार्षदों द्वारा न तो इस और ध्यान दिया जा रहा है न ही परिषद में बैठी भाजपा की महिला नेत्री और वर्तमान नगर परिषद अध्यक्षा नगर परिषद की हालत सुधर पा रही है देखा जाए तो वर्तमान अध्यक्षा की भूमिका परिषद में शून्य दिखाई दे रही है। 

गौरतलब है नगर परिषद में वर्तमान अध्यक्ष सुनिता अशोक सारस पूर्व में भाजपा से उनके द्वारा टिकट की मांग की गई थी तब भाजपा ने उन्हे नकार दिया था तब वह पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष वीरेंद्र विहार शुक्ला के संपर्क में आई थी और उन्हें श्री शुक्ला द्वारा कांग्रेस से टिकिट दिला परिषद में चुनाव भी जीताया था और अध्यक्ष भी बनाया था। तब से लेकर वह चर्चाओं में रही है,और फिर कुछ दिनो के बाद कांग्रेस से बगावत करके वह भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के समक्ष उन्होंने भाजपा का दामन थामा था।
 श्रीमती सारस आज भी परिषद में शून्य दिखाई दे रही है जबकि नगर से लेकर प्रदेश तक मैं भाजपा की सरकार है,फिर भी नगर परिषद की स्थिति माननीय अध्यक्षा सुधार नही पा रही है। और न ही वार्डो के पार्षद वार्डो की स्थिति सुधारने कोई कदम उठा रहे है, चुनाव के समय बड़ी बड़ी बाते करने वाले इन नेताओ ने न तो चुनाव बाद किसी वार्ड का भ्रमण किया होगा न अध्यक्ष ने कभी किसी वार्डो में जाना और देखना भी अब तक उचित नही समझा अब परिषद की स्थिति यह है, की नगर परिषद में न अध्यक्ष की भूमिका है न ही पार्षदों की।

कई वर्षों से नगर के बीचों बीच निर्माणाधीन भवन का कायाकल्प भी परिषद नही कर पा रही है जो चिंता का विषय है, आखिर कहा गया दुकान नीलामी का पैसा जिससे परिषद द्वारा दुकानों का निर्माण कराया जा रहा था जो आज तक अधूरा पड़ा हुआ है जिसपर जिले के अधिकारी और नेता भी मोन साधे हुए है। जबकि रोज इन्ही रास्तों से होकर उनकी गाड़ी गुजरती है, फिर भी मुख्य मार्ग पर निर्माणाधीन भवन जिले के अधिकारी और नेताओ को क्यों नही दिखाई दे रहा है यह भी समझ से परे है। 

सूत्र बताते है,की परिषद में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारियों ने आपातकाल के लिए रखे करोड़ों रुपए का बंदरबाट भी कर दिया है। जिसपर भी उच्च अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। यही कारण है की विभाग द्वारा न ही कर्मचारियों का भुगतान हो रहा है न ही ठेकेदारों के भुगतान किए जा रहे है।

और तो और करोड़ों रुपए की लागत से बनाए जा रहे सब्जी मंडी और गांधी चौक की निर्माणाधीन दुकानों के काम आखिर कब तक ठंडे बस्ते पर रहेगा यह नगर परिषद और जिले के उच्च अधिकारी से बेहतर कोई दूसरा नहीं जानता । 

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