राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशन व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिण्डौरी नीना आशापुरे के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय डिण्डौरी एवं तहसील न्यायालय शहपुरा में दिनांक 09 दिसम्बर, 2023 को इस वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित पारिवारिक विवाद, मोटरयान दुर्घटना दावा, चैक अनादरण एवं विभिन्न राजीनामा योग्य आपराधिक व दीवानी प्रकरण आपसी समझौते व सुलह के आधार पर निराकृत हुए, लोक अदालत में बैंकों की ऋण वसूली,विद्युत एवं दूरभाष बिल बकाया एवं नगर पालिका के संपत्ति व जल कर से संबंधित मुकदमा पूर्व प्रकरणों का निराकरण भी उभय पक्षों की सहमति से हुआ। लोक अदालत में आपसी सहमति के आधार पर बहुत से दम्पत्तियों के बीच दाम्पत्तिक विवादों का आपसी सुलह के आधार पर समाधान हुआ जिससे वे साथ में रहने राजी-खुशी अपने घर लौटे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/जिला न्यायाधीश श्री उत्तम कुमार डार्वी द्वारा बताया गया कि, लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण 171, दीवानी प्रकरण 3, वैवाहिक प्रकरण 3, चैक अनादरण के 9 प्रकरण, लंबित विद्युत के़ 16 प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरणों में 8 प्रकरणों का निराकरण एवं अन्य 13 प्रकरणों निराकृत हुए। इस प्रकार कुल 223 लंबित प्रकरण निराकृत हुए। लोक अदालत के कुल निराकृत प्रकरणों में राशि 2655735 रूपयें का अवार्ड पारित हुआ। परिवार परामर्श केन्द्र महिला थाना डिण्डौरी के रखे गये प्रिलिटिगेशन प्रकरणों में कुल 15 निराकृत हुए एवं इसीप्रकार प्रिलिटिगेशन प्रकरणों की श्रेणी मेंकुल 118 प्रकरण निराकृत हुए जिसमें 2365065 की राशि प्राप्त हुई। इस प्रकार एक सफल लोक अदालत का आयोजन हुआ जिसके परिणाम स्वरूप लगभग 657 पक्षकार लाभान्वित हुए। उक्त सफल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिण्डौरी नीना आशापुरे द्वारा मॉ सरस्वती की छायाचित्र पर मार्ल्यापण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में अपर कलेक्टर श्री सरोधन सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री संजीव कुमार सिन्हा, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री अवधेश कुमार गुप्ता, अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री सुनील भवेदी, प्रथम जिला न्यायाधीश श्री हिदायत उल्ला खान, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिण्डौरी के सचिव/जिला न्यायाधीश श्री उत्तम कुमार डार्वी, तृतीय जिला न्यायाधीश श्री कमलेश कुमार सोनी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री सुनील अहिरवार, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती रिजवाना कौसर, श्रीमती सोनाली शर्मा, श्रीमती मोहसिना खान, श्री उत्कर्ष राज सोनी एवंअधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिण्डौरी के कर्मचारीगण, पक्षकारगण, विद्युत विभाग, नगरपालिका विभाग, एवं समस्त बैंक आदि के अधिकारीगण/कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
उक्त लोक अदालत की सफलता में सभी न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, पक्षकारगण, अन्य विभागों के अधिकारीगण एवं उनमें कार्यरत अन्य सभी शासकीय सेवकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मध्यस्थता जागरूकता शिविर का भी किया गया आयोजन इसी क्रम में जिला न्यायालय के परिसर डिण्डौरी में मध्यस्थता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। आयोजित मध्यस्थता जागरूकता शिविर में माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डिण्डौरी ने सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया कि, मध्यस्थता विवाद को सुलझाने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा मध्यस्थ निष्प्रभावी एवं निर्विकार व्यक्ति के रूप में, विवाद ग्रस्त पक्षकारों को एक ऐसे समझौते के लिये तैयार करता है जो कि सर्वमान्य हो, यानी कि सर्वमान्य समझौता कराने की प्रक्रिया हो, मध्यस्थ किसी पक्ष अथवा विपक्ष के संबंध में निर्णय नहीं देता है बल्कि मात्र विवाद ग्रस्त पक्षों को एक मेज के चारों तरफ बैठाकर ‘स्वनिर्णय’ के लिये प्रेरित करता है। न्यायाधीश न्याय- सम्मत निर्णय देकर अपने दैवीय कर्तव्य का पालन करते हैं तथा मध्यस्थ पक्षकारों को स्वस्थ एवं व्यवहारिक निष्कर्ष पर पहुंचा करके एक ‘दैवीय कार्य’ करता है। ऐसे विवाद जो कि किसी प्रकार के सम्बन्धों (व्यक्तिगत, व्यापारिक, अथवा सामाजिक) में होते हैं, वे न्यायिक प्रक्रिया के स्थान पर मीडिएशन (मध्यस्थता) के द्वारा अधिक सुविधा पूर्वक निपटाये जा सकते हैं। इस प्रक्रिया में मीडिएटर के साथ व्यक्तिगत बैठकों में हुई बात-चीत, पूर्ण रूप से पक्षकारों के बीच में गोपनीय रखी जातीं हैं। उपस्थित पक्षकारगणों को मध्यस्थता के संबंध में जागरूक किये जाने के उद्देश्य से पम्पलेट्स वितरित किये गये।