जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक आज भी पानी के लिए संघर्ष खत्म नहीं हो पा रहा है।ग्रामपंचायत उदरी में लाखो रुपए खर्च कर स्थापित की गई नलजल योजना से ग्रामीणों को एक बूंद पानी नहीं मिल रहा है। घर में नल से पानी भरने का सपना आज भी इन ग्रामीणों का अधूरा पड़ा हुआ है। ग्रामीणजन परंपरागत पेयजल स्रोतों और कुआ से प्यास बुझा रहे हैं। जबकि जिम्मेदार अफसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यहाँ के
रहवासियों को लंबे समय से पानी के लिए मशक्कत करना पड़ रहा है। ग्राम वासियों ने
बताया कि ठेकेदार द्वारा नल जल योजना के संचालन के लिए जो पानी की टंकी बनाई
गई है उसमें से जगह-जगह से पानी रिसता है,ठेकेदार जब से काम करके गया है तब से
दोबारा लौट के नहीं आया और फोन पर संपर्क करने पर फोन नहीं उठाता। ग्राम वासी
पीने के लिए यहां वहां से पानी की व्यवस्था करते हैं और उनको गंदे पानी से भी प्यास बुझाना पड़ता है।
इस संबंध में जब पी एच ई के कार्यपालन यंत्री के एस कुसरे से जानकारी चाही गई तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि योजना तो फिलहाल चल रही है लेकिन मुझे संबंध में जानकारी नहीं है आपके द्वारा जो जानकारी दी गई है मैं उसे दिखवाता हूं और आम जनता के लिए पानी की व्यवस्था शीघ्र कर दी जाएगी।
पहले तो वह इस बात को मानने को तैयार ही नहीं हो रहे थे कि ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा लेकिन जब उनको ग्रामीणों की वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाई गई तो मानने को तैयार हुए कि वास्तव में वहां ग्रामीण पानी के लिए परेशान है। संबंधित ठेकेदार को कार्य के भुगतान के संबंध में उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने काम किया है तो भुगतान तो करना पड़ेगा। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि ठेकेदार ने जैसा भी काम किया हो कार्य का निरीक्षण किए बिना भी भुगतान किया जा सकता है।