गणेश पाण्डे की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, शुक्रवार 16 जून,डिंडोरी जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। डिंडोरी की सहजपुरी गांव से एक ऐसी घटना प्रकाश में आई है जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डिंडोरी जिले के सहजपुरी गांव के निवासी सुनील धुर्वे की पत्नी जमनी बाई को 13 जून को डिंडोरी जिला चिकित्सालय में पहली डिलीवरी हुई। जमीनी बाई ने बेटे को जन्म दिया नवजात शिशु शारीरिक रूप से कमजोर था। 14 जून को जिला चिकित्सालय से उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया। जबलपुर मेडिकल अस्पताल में 15 जून को इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। नवजात शिशु के शव को डिंडोरी वापस लाना था। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन जबलपुर से शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग की गई लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने शव वाहन देने से मना कर दिया। माता पिता को बच्चे का शव थैली में रखकर लाना पड़ा। जबलपुर से बस के माध्यम से माता-पिता डिंडोरी पहुंचे और नवजात शिशु का शव थैले में रखकर घूमते पाए गए। मीडिया को जानकारी लगते ही घटना प्रकाश में लाई गई। सुनील धुर्वे ने बताया कि बस में यात्रा के दौरान दिल पर पत्थर रखकर अपने आंसू रोक रखे थे। क्योंकि यदि बस वालों को पता चलता तो नवजात शिशु मृत है यह जानकर बस से उतार सकते थे। इसलिए अपने आंसू रोक कर मजबूरन चुपचाप यात्रा करना पड़ा। डिंडोरी पहुंचकर नर्मदा किनारे नवजात शिशु के शव को दफनाया गया। पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग से आए दिन ऐसी मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं सामने आती रहती है। लेकिन चिकित्सालय प्रबंधन पर कोई भी बड़ी कार्यवाही नहीं होती कार्यवाही के नाम पर महज जांच और खानापूर्ति ही होती रही है।