वार्ड क्र 6 की पार्षद रुपाली जैन नगर की बिगड़ी नल जल योजना को सुधने के लिये लगातार प्रयत्नशील रहती है साथ ही नगर पंचायत की लाचार व्यवस्थाओ से लड़ने का पूरा प्रयास कर रही है।
गणेश पाण्डे की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, बुधवार 21 जून,डिंडोरी जिला मुख्यालय में नगर परिषद द्वारा नल जल योजना कैसी चल रही है। यह बात किसी से छुपी नहीं है। आए दिन मोटर खराब होना, कभी किसी वार्ड में नल नहीं आना, कई वार्ड में गंदे पानी की सप्लाई, कुछ ऐसी ही तस्वीर है नगर पंचायत डिंडोरी की। हर जिम्मेदार अपना काम दूसरे पर थोपकर पल्ला झाड़ कर निकल जाना चाहता है। विगत 5 दिनों से रेस्टहाउस स्थित टंकी से चलने वाली 14 लाईने का पेयजल आपूर्ति करने का समय केवल कागजों में ही तय है। वास्तविकता इससे कोसों दूर है।जहां पेयजल आपूर्ति का समय सुबह 10:00 बजे निर्धारित है। वही शाम को 3:00 बजे से 4:00 बजे जल की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा कई वार्डों में पेयजल आपूर्ति के लिए 1 घंटे का समय निर्धारित है लेकिन परिषद के कर्मचारियों द्वारा आधे घंटे सप्लाई दी जाती है वह भी सप्लाई इतनी कम होती है कि आधे घंटे में एक घर का पानी नहीं भर पाता। वहीं दूसरी ओर वार्ड नंबर 2 से सुबखार में महीनों से गंदे पानी के रूप में पेयजल सप्लाई की जा रही है जो पानी पीले रंग का मटमैला आता है। इस संबंध में जब जल प्रभारी से बात की गई तो बताया गया कि 1 साल में एक बार पानी की टंकियों की सफाई की जाती है।जब साल में एक बार पानी की टंकियों की सफाई की जाएगी तो निश्चित तौर पर कितना साफ पानी लोगों को मिलेगा इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। साथ ही प्रभारी ने बताया कि मोटर खराब हो जाने के कारण विगत कुछ दिनों से सही समय पर पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। जल्द ही मोटर सुधार कर पेयजल आपूर्ति के समय में सुधार किया जाएगा।
वर्तमान समय में नगर पंचायत में नल जल प्रभारी दो लोग हैं। प्रमोद सोनी एवं अनुरोध धूमकेती। दो-दो प्रभारी कर्मचारी होने के बाद भी जल योजना सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। जब जिला मुख्यालय में नल जल योजना का यह हाल है ।ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल योजना की स्थिति में होगी इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।गंदे पानी की सप्लाई होने से कहीं ना कहीं लोगों के स्वास्थ्य से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। समय रहते यदि पेयजल आपूर्ति में सुधार नहीं किया जाता। तो वार्ड वासी चक्का जाम करने को मजबूर हो जाएंगे।