भीमसेन ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, शुक्रवार 9 जून
शहपुरा/ डिंडोरी- शासन स्तर पर चलाई जा रही जनहितकारी योजनाएं गरीबों का सहारा बनने से दूर उनका मजाक बनाती नजर आ रही हैं। गरीबी की दलदल में धंसे तमाम परिवारों को आज भी मदद की दरकार बनी है। अफसोस ये कि ऐसी कोई भी योजना उनके जख्मों का मरहम नहीं बन सकी है। गांव संगवा में रह रहा एक गरीब परिवार इसकी बानगी भर है। पीड़ित परिवार हर स्तर पर आवास निर्माण की अपनी मांग रखकर थक चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
सरकारी तंत्र की उपेक्षा के चलते शहपुरा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत कस्तूरी पिपरिया के पोशक गांव संगवा में एक परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। पात्र होने के बावजूद किसी सरकारी योजना का लाभ परिवार को नहीं मिल सका है। परिवार के सदस्यों का पुरसाहाल लेने वाला तक कोई दूर तलक नजर नहीं आ रहा।
संगवा निवासी गोपाल सिंह परस्ते,पत्नि व 1 मासूम 10 वर्ष की बच्ची के साथ रहता है। गोपाल की हालत इतनी कमजोर है कि वह अपना घर तक नहीं बना सका। बामुश्किल जैसे-तैसे वह मजदूरी कर अपने परिवार का गुजारा कर रहा है। बारिश हो या तपती गर्मी या फिर कड़ाके की ठंड उसके परिवार के लिए लिए खुले आसमान के नीचे धरती की सेज ही बिस्तर बनी है। मौजूदा वक्त बारिश से बचाव के लिए उसने किसी तरह चंदा इकट्ठा कर लकड़ियों के सहारे प्लास्टिक की पन्नी की छत तैयार की है। पूरा परिवार उसी के नीचे जीवन यापन करने के लिए मजबूर है। मजदूरी करने वाले गोपाल सिंह की माने तो उसने आवास निर्माण के लिए हर स्तर पर गुहार लगाई लेकिन पात्रता पूरी करने के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हो सकी। जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अफसरों तक मदद से दूर उसे हर बार झूठे आश्वासन ही मिले।