आई विटनेस न्यूज 24, गुरुवार 9 मार्च,डिंडोरी राज्य शिक्षा केंद्र ने आरटीई राइट टू एजुकेशन निशुल्क शिक्षा की गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसमें सभी स्कूलों में नए बच्चों का निशुल्क प्रवेश होना है। कमजोर और वंचित समूह के बच्चों के लिए निशुल्क प्रवेश की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त कर अधिकारियों द्वारा मूल दस्तावेजों से मिलान कर सत्यापन किया जाएगा जिसके पात्र पाए गए बच्चों का बाद लॉटरी सिस्टम से सीटों का आवंटन किया जाना है। प्रवेश के इच्छुक आवेदक अपना समग्र आईडी एवं आधार नंबर सत्यापन कर अपने ग्राम वार्ड पड़ोस के प्राइवेट स्कूलों में कक्षा बार प्रदर्शित आरक्षित सीटों के आधार पर पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन दर्ज कर सकेंगे आवेदन के पश्चात निर्धारित तिथि तक सत्यापन केंद्रों पर मूल दस्तावेज सत्यापित कराना होगा। पोर्टल पर आवेदन एवं ऑनलाइन सुधार हेतु 13 मार्च से 23 मार्च तक का समय होगा। 15 मार्च से 25 मार्च तक आवेदन के उपरांत पोर्टल से पावती डाउनलोड कर सत्यापन केंद्र से सत्यापन कराना होगा। 28 मार्च तक पात्र आवेदकों को एसएमएस के माध्यम से सूचना दे दी जाएगी। प्रवेश हेतु पात्रता 1-वंचित समूह में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वन भूमि के पट्टा धारी परिवार विमुक्त जाति निशक्त बच्चे जिन्हें मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र प्राप्त हो एचआईवी ग्रस्त बच्चे
2-कमजोर वर्ग में
गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवार के बच्चे ,अनाथ बच्चे, कोविड़ 19 से माता-पिता अभिभावक की मृत्यु के कारण अनाथ हुए बच्चे, इस योजना हेतु पात्र होंगे।
इस योजना हेतु अपात्र
जिन अवैध कौन है पूर्व में किसी भी प्राइवेट स्कूल में इस योजना के तहत प्रवेश लिया है वह पात्र नहीं होंगे।
ऑनलाइन आवेदन करने के पश्चात मूल दस्तावेजों का सत्यापन कराना आवश्यक है निर्धारित समय अवधि में दस्तावेजों का सत्यापन ना कराए जाने पर आवेदन निरस्त हो जाएगा। सत्यापन के समय निर्धारित मूल दस्तावेजों में सही मिलान न होने पर आवेदन निरस्त हो जाएगा।आवेदन करने की समय जो मोबाइल नंबर पोर्टल में दर्ज किया गया है सत्यापन के समय उसी मोबाइल नंबर को ले जाना अनिवार्य है।एक आवेदक द्वारा एक ही आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है यदि एक से अधिक आवेदन प्रस्तुत किए जाएंगे तो सभी आवेदन निरस्त माने जाएंगे।आवंटित बच्चे के प्रवेश देने में यदि किसी भी स्कूल द्वारा आनाकानी की जाती है तो संबंधित स्कूल के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उक्त पूरी प्रक्रिया के संबंध में आवेदकों को सहायता प्रदान करने हेतु विकास खंड एवं जिला स्तर पर एक ऑनलाइन हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा जिसमें कार्यालयों के अधिकारियों के नाम एवं उनके मोबाइल नंबर की जानकारी सूचना पटल पर चस्पा की जाएगी।