गणेश पाण्डे की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24,बुधवार 1 मार्च,डिंडोरी। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के नाम से नगर के 15 वार्डों में पेयजल की सप्लाई की जा रही है। लेकिन इन 15 वार्डों में जहां कहीं भी पाइपलाइन में टूट फूट होती है, उसमें कभी सुधार कार्य नहीं किया जाता हजारों लीटर पानी बेकार सड़कों पर बह जाता है। दिन में कई बार उसी रास्ते से होकर विभाग के अधिकारी कर्मचारी निकलते हैं लेकिन बेकार बह रहे पानी की तरफ उनका ध्यान नहीं जाता। ग्रीष्मकालीन के दस्तक के साथ ही नगर में पेयजल की मांग वैसे भी बढ़ जाती है। जब हजारों लीटर पानी टूटे-फूटे पाइप लाइन से 24 घंटे बहता रहेगा तो किस प्रकार नगर में पानी की आपूर्ति विधिवत ढंग से मांग के अनुसार हो सकेगी। यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में निश्चित तौर पर बेकार बह रहा पानी नगर के लोगों को परेशानी दे सकता है। पाइप लाइन के टूटे-फूटे होने से सड़क में फैली गंदगी या नालियों में फैली गंदगी उसी टूटे पाइपलाइन के सहारे लोगों के घरों तक पानी के साथ पहुंच जाती है।
नगर के कई वार्डों में लोगों को पीने का पानी साफ नहीं मिल पा रहा पानी के साथ मटमैला पदार्थ साफ नजर आता है। किसी बर्तन में यदि पानी भर कर रात भर रख दिया जाए और सुबह देखा जाए तो पानी का रंग मटमैला दिखता है। जिसका कारण कहीं ना कहीं पाइप लाइन में टूट-फूट या फिर पेयजल सप्लाई की जाने वाली टंकी की साफ-सफाई ना होना हो सकता है।यह कहना गलत नही होगा कि जब तक पेयजल सप्लाई पूरी तरह बाधित नहीं हो जाती तब तक विभाग इस ओर ध्यान नहीं देता।