सरपंच को कर्मचारी के दायरे में रखना, जनप्रतिनिधि का अपमान से कम नहीं
आई विटनेस न्यूज 24, बुधवार 8 फरवरी,जिला मुख्यालय से महज 13 किलोमीटर दूर शाहपुर पंचायत में पंचायत भवन के सामने कर्मचारी परिचय का बोर्ड लगाया गया है,उसमे पंचायत के अंतर्गत आनेवाले सभी शासकीय कर्मचारियों के नाम पद और मोबाईल लिखे गये है,
"कर्मचारी परिचय" की इसी सूची में पहले नंबर पर सरपंच का नाम लिखा हुआ है। जबकि शासन के द्वारा चुने हुये व्यक्ति को शासकीय सेवक या शासकीय कर्मचारी कहा जाता है और जनता के द्वारा चुने हुये व्यक्ति को जन सेवक या जनप्रतिनिधि कहा जाता है।सरपंच ( ग्राम प्रधान) जो ग्राम पंचायत का प्रथम नागरिक कहलाता है उसका कर्मचारी परिचय तालिका में नाम लिखना जनप्रतिनिधि के अपमान से कम नही है।
मगर शाहपुर पंचायत ने तो कमाल कर दिया जन सेवक को भी शासकीय सेवक की कतार में खड़ा कर दिया।यह महज भूल है या सोची समझी चाल?जनप्रतिनिधियों को अपमानित करने की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की कई पंचायतों में यही आलम है कई जगह सरपंचों को शासकीय कर्मचारियों की सूची में लटका देखा जा सकता है। हालांकि शाहपुर पंचायत में यह आम बात है,विगत कई वर्षों से शाहपुर पंचायत के कारनामे चर्चा में बने ही रहते है चाहे कार्यों की गुणवत्ता हो या लेखा पटल में गड़बड़ी यह आम बात रही है,और संविधान के नियमो को भी दरकिनार किया जाता रहा है, देखा जाए तो सरपंच का नाम कर्मचारी परिचय तालिका में सर्वप्रथम रखना कही न कही शासकीय अमलो पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है? जबकि जिला मुख्यालय के पास की पंचायतों में यह गड़बड़ी कही न कही उच्च अधिकारियों के कार्य प्राणली पर यह सवाल खड़े होते है।