राजेश ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24,मंगलवार 15 नवंबर, आदिवासी बहुल जिला डिंडोरी में जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में छात्रों के मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए का आवंटन जारी किया जाता है! ताकि छात्र /छात्राओं को किसी भी प्रकार की कोई कमी महसूस ना हो सके,किंतु विभाग के आला अफसरों के सुस्त रवैये के कारण बहुत से छात्रावास आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं,एक ऐसा ही मामला विकासखंड डिंडोरी के अंतर्गत आने वाले संकुल केंद्र शाहपुर का प्रकाश में आया है, जहां आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास शाहपुर में छात्रों की मनोरंजन के लिए लगाई गई, एलसीडी पिछले 2 वर्षों से बंद पड़ी हुई है, छात्रावास में छात्रों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल की उपलब्धता नहीं है, कुँए के पानी को ऑटो से लाकर पिलाया जाता है, छात्रावास का मेन गेट टूटा हुआ पड़ा है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है! छात्रावास के छात्रों के द्वारा बताया गया कि गद्दा-पल्ली एवं अन्य सुविधाओं के लिए छात्रों के खातों में जो ₹5000 विभाग द्वारा जमा कराया गया था, उसे भी छात्रावास अधीक्षक सतीश धुर्वे के द्वारा छात्रों से यह कहते हुए, कि मैं बाजार से सामान खरीद कर ला दूंगा वापस ले लिया गया! छात्रावास के छात्रों द्वारा बताया गया कि छात्रावास अधीक्षक कभी-कभार छात्रावास में रहते हैं, नहीं तो रोज अपने घर डिंडोरी चले जाते हैं, सारा छात्रावास चौकीदार के भरोसे रहता है!