भीमसेन ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, गुरुवार 17 नवंबर,एक तरफ मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार जहाँ भर्ष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाये हुये है।तो वही दूसरी तरफ विभागों में बैठे जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी ही सरकार की नीतियों में पानी फेरते नजर आ रहे है।
जनपद पंचायत डिंडोरी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत घाना घाट में
वर्ष 2019-20 में सांसद निधि से नर्मदा नदी में तुलसी घाट का निर्माण किया गया था।जो अब भटष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।हालांकि ये जिले का पहला मामला नही है,जिले में अनेकों मामले आये दिन प्रकाश में आते है,मगर भर्ष्टाचार की पुनरावृत्ति पर विराम नही लगता।भर्ष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत है कि अधिकारी कर्मचारी सचिव सरपंच ओर ठेकेदार मिलाकर अन्य उपयंत्री की साइड में किसी अन्य उपयंत्री से पूर्णता का प्रमाणीकरण कर भर्ष्टाचार को अंजाम दे देते है और फिर पूर्ण हुआ लाखो का कार्य अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाता रहता है।संसद निधि से 5 लाख 30 हजार की लागत से बना नर्मदा नदी का ये घाट ठेकेदार सुरेन्द ठाकुर के द्वारा बनाया गया था।यह साईड उपयंत्री ऋषभ सिक्का की थी,मगर सरपंच सचिव और ठेकेदार की मिली भगत से उपयंत्री पवन पटेल से पूर्णता प्रमाण पत्र पर सील साइन कराये गए। जिले में पहले भी ऐसे कृत्य कर भर्ष्टाचार को अंजाम दिया जाता रहा और आगे भी ये परिपाठी बखूब जारी रहेगी,क्योंकि कार्यवाही के नाम पर जिले में खानापूर्ति का रिवाज पुराना है।