भीमसेन ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, शुक्रवार 25 नवंबर,वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए नदी-नालों में बनाए गए स्टॉपडैम एवं वाटरशेड संरचनाओं को देख ग्रामीणों ने उम्मीद लगाई थी कि इनमें वर्षा जल संरक्षित होने से उन्हें गर्मी में भी पानी मिलेगा। धरती रिचार्ज होगी और गांव पानीदार हो जाएंगे। लेकिन, इनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।
हालांकि इनके निर्माण में हुए भ्रष्टाचार एवं प्रशासनिक उपेक्षा के चलते जलसंरक्षण के नाम पर खर्च किए गए करोड़ रुपए पानी में चले गए। भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े जिले के ज्यादातर स्टॉपडैम पहली बारिश में ही बह गए। जो बचे हैं उनमें भ्रष्टाचार के इतने छेद हैं कि पूरे जतन के बाद भी इनमें चुल्लूभर पानी संरक्षित करना मुमकिन नहीं हो पा रहा है
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा स्टॉप डेम
ऐसा ही एक मामला डिंडोरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत नारायण डीह के चेक डेम का है,जहाँ चेक डैम निर्माण तो करवाया गया लेकिन चेक डैम ठेकेदार के द्वारा ऐसा बनाया गया कि 4 महीना में टूटने की कगार में है ।
लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और सरपंच सचिव द्वारा इस ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। जबकि यह स्टॉप डेम महज चार महीने पूर्व ही बना है जो पहली बरसात में बहने की स्थिति में है। सरकार एक ओर जहां स्टॉप डेम बनवा कर पानी रोकने की काम कर रही है, ताकि धरती रिचार्ज होगी और गांव पानीदार हो जाएंगे।लेकिन यहां तो भ्रष्टाचार के चलते स्टॉप डेम ने पहली बरसात में दम तोड़ना शुरू कर दिया है और इसे देखने वाला कोई नहीं है।