राजेश ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, बुधवार 19 अक्टूबर, विकासखंड डिंडोरी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत उदरी माल के रहवासियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष को आवेदन सौंपा एवं यह मांग की गई है, कि पंचायत में पदस्थ सचिव सुशील कुमार चंदेल, रोजगार सहायक अजय हिरोंदे सहित सभी पुराने मेटों को ग्राम पंचायत से पृथक किया जाए! ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत उदरी माल के प्रत्येक निर्माण कार्यों में इन लोगों के द्वारा भारी-भरकम भ्रष्टाचार किया गया है! कुछ निर्माण कार्य तो आज भी अधूरे पड़े हुए हैं, और उनका भुगतान पूरा कर दिया गया है! ग्रामीणों का आरोप है, कि रोजगार सहायक अजय हिरोंदे सार्वजनिक निर्माण कार्यों के मस्टररोल में बिना काम किए ही अपने माता पिता भाई बहन भाभी एवं अन्य रिश्तेदारों के नाम से फर्जी तरीके से हाजरी भरकर के पैसों का हस्तांतरण किया जाता है, जबकि इनमें से कोई भी निर्माण कार्य में उपस्थित नहीं रहते हैं, रोजगार सहायक अपने चहेते मेटों के द्वारा यह कार्य करवाता है, एवं मेटों के रिश्तेदारों के नाम पर भी फर्जी हाजिरिया भरी जाती हैं, एवं उनसे आधा पैसा वापस लेकर रोजगार सहायक के पास पहुंचाया जाता है! रोजगार सहायक के द्वारा अन्य निर्माण कार्यों में भी बिना कार्य करवाये ही फर्जी मस्टररोल जारी कर अपने चहेतों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जाता है! ग्रामीणों का आरोप यह भी है, की रोजगार एवं सचिव इन दोनों की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी-भरकम भ्रष्टाचार किया गया है, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के हितग्राहियों से 5000 से ₹10000 तक की राशि मेटों के माध्यम से वसूली करवा कर इन दोनों ने हड़प ली है!
एक ही परिवार के पति पत्नी दोनों के नाम से आवास--- ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव सुशील कुमार चंदेल एवं रोजगार सहायक अजय हिरोंदे के द्वारा ग्राम पंचायत उदरी माल के निवासी रमेश सिंह पिता गणपत सिंह एवं समनी बाई पति रमेश सिंह इन दोनों के नाम से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास स्वीकृत किया गया एवं इनके खातों में पैसे भी ट्रांसफर कर दिए गए है! जबकि ग्राम में कुछ परिवार ऐसी भी हैं, जिन्हें आज तक प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं दिया गया है, और यहां एक ही परिवार के दो- दो लोगों को पक्का मकान! पैसों का लेनदेन करके दे रहे हैं, ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इन सारे भ्रष्टाचारों की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की गई थी, किंतु सचिव एवं रोजगार सहायक के द्वारा फर्जी पंचनामा तैयार करते हुए, जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करते हुए, इन सारी शिकायतों को बंद करवा दिया गया है! अगर कोई ग्रामीण शिकायत वापस नहीं करता है, तो सचिव सुशील कुमार चंदेल के द्वारा थाने में एफ. आई .आर. दर्ज कराने की धमकी दी जाती है, एवं ग्रामीण को डरा धमका कर शिकायत बंद करवा दिया जाता है! ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले सचिव सुशील कुमार चंदेल जहां- जहां पर भी पदस्थ था, इसके द्वारा ऐसे ही गुंडागर्दी करते हुए, एफ आई आर दर्ज करवा कर ग्रामीणों को परेशान किया जाता रहा है, ग्रामीणों ने यह मांग किए हैं, कि जल्द से जल्द इनकी जांच करा कर इनको इस पंचायत से पृथक किया जाए!