गोरे हनुमन्त की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, शुक्रवार 23 सितंबर,दिव्यांगों की मदद के लिए सरकार भले ही कई योजनाएं चलाने का दावा कर रही है, लेकिन इनका लाभ उन तक कितना पहुंच रहा है, इस पर गौर करने वाला कोई नहीं है।दिव्यांगों को राहत देने के लिए पेंशन, कृत्रिम अंग वितरण करने के साथ कई योजनाएं चला रही हैं। मगर इनका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है।
शासन और प्रशासन की उदासीनता के चलते कई दिव्यांग योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं। ऐसा ही एक मामला
डिंडोरी विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़रिया कला का सामने आया है।जहाँ राजेश सिंह और उसकी पत्नी दुजिया बाई दोनों जन्मजात दिव्यांग है इनका 85% का मेडिकल सर्टिफिकेट भी बना है,मगर विडंबना की बात है कि आज 35 वर्ष की उम्र बीत जाने के बाद भी इनको शासकीय योजनाओं का कोई लाभ नही मिला।
आपको बताते चलें की जन्मजात से दोनों पति-पत्नी गूंगे हैं एवं उनके दो बच्चे भी हैं और दोनों का पचासी परसेंट मेडिकल सर्टिफिकेट बना हुआ है लेकिन जवाबदार व्यक्ति ना उन्हें पेंशन ना राशन ना आवास ना ही किसी प्रकार की शासकीय योजना का लाभ दिला पा रहे हैं उनके भाई बलराम सिंह परस्ते ने बताया कि हमने इसकी जानकारी सरपंच रोजगार सहायक एवं सचिव रमेश वालरे को कई बार दे चुके जब हम इनसे भी थक गए तो जिले के कलेक्टर महोदय एवं सभी संबंधित अधिकारियों के पास गुहार लगाये,ताकि ये अपना जीवन यापन कर सके। इस मंहगाई के दौर में अब इन दोनों पति पत्नी का जीवन यापन करना एवं बच्चों को पालना बहुत ही मुश्किल हो गया है।जैसे ही इसकी जानकारी हमारे संवाददाता को लगी तो हमरे संवाददाता ग्राउंड जीरो पर जाकर देखा कि वाकई में दोनों पति-पत्नी एक झोपड़ी बनाकर अपना जीवन बसर कर रहे हैं लेकिन सभी संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को इनकी इस हालत पर जरा भी तरस नहीं आता।