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फीस नहीं जमा कर पाए तो परीक्षा में नहीं बैठने दिया, जानिए उसके बाद क्या हुआ

नहीं सुधर रहे स्कूल के शिक्षा के व्यापारी अपनी मनमानी से? सेंट एंजिल पब्लिक स्कूल का मामला

भीमसेन ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24 डिंडोरी, काफी समय से जिले का लोकप्रिय बना यह स्कूल इन दिनों अपनी करनी से सुर्खियों में बना हुआ है देखा जाए तो आय दिन एक नहीं कहानी स्कूल संचालक और प्राचार्य कि सामने आती है और ऐसा हो भी क्यों न इन दिनों जिले के सभी अधिकारियों से संरक्षण जो प्राप्त है।सूत्र बताते है की विगत दिनों कक्षा 4 A section के छात्रों को बड़ी बेरहमी से मारने का मामला प्रकाश में आया था।और दबे स्वरों में विरोध भी पनपा था, मगर दबाव के चलते विरोध के स्वरों को कुचल दिया गया था।जिससे सेंट एंजिल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई और इनके हौसले और बुलंद हो गए जिसके चलते अब और नए कारनामे सुनने और देखने को मिल रहे है। 
देखा जाए तो स्कूल का संचालन कर रहे आशीष चौहान हमेशा से ही सुर्खियों में बाने ही रहते है, ऐसा ही देखने को मिल रहा है जहां महोदय ने एक नाबालिक छात्रा को फीस जमा न कर पाने पर परीक्षा ही नहीं देने दिया और मानसिक रूप से भरी क्लास में सभी छात्रों के सामने प्रताड़ित किया गया जिसके चलते छात्रा ने अपने आप को एक कमरे में बंद कर लिया और  स्कूल न जाने का फैसला ले लिया जिससे परिजन परेशान हो गए और तत्काल परिजनों ने स्कूल की फीस की व्यवस्था की और जाकर जमा की मगर बात इतनी बढ़ गई कि मानसिक रूप से प्रताड़ित छात्र अब स्कूल जाने को मना कर चुकी है जिससे परिवार के लोगो में भय बना हुआ है और परिजनों ने कोतवाली में इसकी शिकायत भी कि है।
स्कूल प्रबंधन के कई ऐसे मामले उजागर होने के बाद भी अब तक स्कूल के संचालक पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, और इसी प्रकार से संचालक महोदय निश्चिंत होकर अपने हिटलर सही रवैए को बखूबी निभा रहे है।

कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा को फीस जमा न होने के चलते कई बार करना पड़ा प्रताड़ना का सामना 

कोरोना काल की फीस जमा न होने के चलते छात्रा को आए दिन प्रताड़ना का सामना करना पड़ता था। जिससे छात्रा की पढ़ाई पर भी प्रभाव पड़ता था और कई प्रकार की बाते दिमाग में घर बना रही थी जिसके चलते छात्रा ने स्कूल ना जाने का मन बना लिया और परिजनों को छात्रा की सलामती के लिए स्कूल से स्थानांतरण पत्र निकलवाना पड़ा।

 स्कूल संचालक के रवैए से कई परिजन पहले से ही परेशान है और बच्चो के पढ़ाई की वजह से वह कोई ठोस कदम नहीं उठा पाते हालही में हुए मामले में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था जब परिजनों ने स्कूल के डायरेक्टर आशीष चौहान की शिकायत थाने में कि तो उसे भी दबाव के चलते परिजनों को वापस लेना पड़ा और मामले को दबा दिया गया जिससे स्कूल के डायरेक्टर आशीष चौहान के हौसले बुलंद होते चले गए मजबुर परिजनों ने बच्चो के भविष्य को देखते हुए अपनी शिकायतों को वापस ले लिया और मामला वहीं सिमट गया,मगर दिनांक 15 सितम्बर को हुई घटना के बाद छात्र के परिजनों के द्वारा लिये गये निर्णय से अन्य परिजनों को भी सबक लेना चाहिए  ताकि शिक्षा के व्यापारियों को सबक मिल सके और बच्चो के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो।

शासन प्रशासन द्वारा तमाम योजनाएं नवालिक बच्चो के लिए बनाई तो जाती है,पर सब धरा का धरा ही रह जाता है चाइल्ड केयर वालो ने भी अब तक स्कूल प्रबंधक पर किसी प्रकार का एक्शन नहीं लिया है, मासूम बच्चो को मारने के बाद यह दूसरी घटना है  जिसके चलते छात्रा को अपनी टी.सी स्कूल से निकलवानी पड़ रही है  

छोटी छोटी बातों पर धरना देने वाले नेताओं ने भी अब तक नहीं ली सुध 


देखा जाए तो कभी भी अपने आपको मीडिया के सामने सुपर हीरो बनने वाले नेताओ कि भी नींद श्याद नहीं खुली जो देख सके जिले में संचालित हो रहे स्कूलों के हाल बुलडोजर चलवाने वाले उन नेताओ को प्रताड़ना झेल रही छात्रा का भविष्य नहीं नजर आ रहा है जिसके चलते आज छात्रा को स्कूल संचालक द्वारा किए जा रहे प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा है।

ऐसे मामलों को लेकर परिजनों को एक होकर एक संगठन का निर्माण करना चाहिए जिससे मासूम बच्चो पर हो रहे अत्याचार और प्रताड़ना जैसे मामलों पर अंकुश लग सके और दोसियो पर कार्यवाही हो सके जिससे छात्र छात्राओं को ऐसे हिटलर साही संचालकों की प्रताड़ना न झेलनी पड़े।


जिला शिक्षा अधिकारी की भी संलिप्तता होगी उजागर आखिर क्यों है मोन


दूसरी घटना के बाद भी अब तक जिला शिक्षा अधिकारी की मोन स्वीकृति स्कूल संचालक के साथ संलिप्तता बताती है ? जब की पूर्व में हुई घटना का अब तक किसी प्रकार का एक्शन न लेना जिला शिक्षा अधिकारी पर भी कई सवाल खड़े करते है जबकि कुछ ही दिनों पहले उन्होंने ने शाहपुरा में एक स्कूल पर कार्यवाही की थी तो जिले मुख्यालय में हुई घटना से केसे अनजान बने रहे यह बात भी विचार करने योग्य है 

इनका कहना है:-

हमे इसकी कोई जानकारी नही है,हमारे पास कोई शिकायत नही आई,यदि शिकायत आती है तो निश्चित तौर पर कार्यवाही की जाएगी।

जिला शिक्षा अधिकारी- राघवेंद्र मिश्रा