गोरे हनुमन्त की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, सोमवार 5 सितंबर, डिंडोरी जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत नेवसा अंतर्गत ग्राम दीया बार का मामला प्रकाश में आया जहां एक बैगा जनजाति के व्यक्ति जिसका नाम श्याम लाल परस्ते बताया जा रहा है जिसका मकान लागभग 20 दिन पहले बरसात में धराशाही हो गया और गरीब श्याम लाल और उसके परिवार वाले बेघर हो गए और उसका छोटा सा आशियाना उजड़ गया।विगत दिनों हुई लगातार भारी बारिश के चलते उसका घर गिर गया और परिवार वाले रहने खाने को भी मोहताज हो गये। सामान सारा मिट्टी में मिल गया जिसकी जानकारी ग्राम पंचायत सरपंच बसंता भाई धुर्वे को एवं जनपद सदस्य ओमप्रकाश मार्को को एवं पटवारी सहित सभी संबंधित शासन प्रशासन के जिम्मेदारों दे दी गई थी।परंतु अब तक गरीब की कोई सुनने वाला नहीं है अलम यह है कि आज वह परिवार दूसरो के घरों में रह रहा है और भारी मुसीबतों का सामना कर रहा है जानकारी देने के बाद भी आज लागभग 20 दिन खत्म हो गया लेकिन किसी प्रकार की कोई प्रशासनिक स्तर पर अब तक व्यवस्थाएं पीड़ितो को उपलब्ध नहीं कराई गई है।
जब इसकी भनक मीडिया को लगी तब जाकर हमारे प्रतिनिधि ने पड़ताल जारी की और समाचार के माध्यम से प्रशासन को जगाने के लिए पीड़ित परिवार की समस्या का समाधान करने निकल पड़े ग्राउंड जीरो में जब जाकर देखा तो परिवार कि हलत बहुत ही दयनीय है और वह खाने पीने के लिए तक मोहताज हो गए और ऐसा हो भी क्यों न दरअसल जिला प्रशासन हमेशा से ही ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा करता रहा है और आदिवासी बैगा समुदाय के लोगो के नाम पर सिर्फ वाह वाही ही लूटी है आज स्थिति यह है कि गरीब बैगा परिवार ने अपना घर आशियाना भारी बारिश में गवा दिया है और प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली है।
जबकि श्याम लाल के दो बेटे दो बेटी और पत्नी दूसरे के घर में रहकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं सभी को जानकारी देने के बाद भी शासन प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है उनका कहना है कि अगर हमारी कहीं सुनवाई नहीं होती है तो वह कुछ गलत कदम भी उठा सकते है।
पीड़ित ने बताया कि उन्हें 5000 हजार का मुआवजा देने की बात कही गई है जबकि देखा जाए तो आज के समय में मंहगाई के इस दौर में भला पीड़ित परिवार 5000 हजार की राशि से भला क्या कर पाएगा जब की आपदा में हुए नुकसान का भरपाई करना प्रशासन की जिम्मेवारी है वावजूद इसके उन्हें सिर्फ 5000 हजार की राशि देकर उन गरीब बैगा परिवार को लॉलीपॉप दिया जा रहा है। जब की प्रशासन द्वारा आपदा से निपटने अलग से फंड होता फिर भी अब तक कोई राहत न मिलना प्रशासन की नकमी बताती है।