बिना फहरे नीचे आया तिरंगा नगरपरिषद के अमले की बड़ी लापरवाही
लापरवाह कर्मचारी पर होगी कार्यवाही
जिला प्रतिनिधि की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, डिंडौरी, 13 अगस्त 2022, शासन के आदेश निर्देश पर जिला प्रशासन हर घर तिरंगा कार्यक्रम को कितनी सादगी और संजीदगी से ले रहा है जिसका अनुमान आप इन तस्वीरों को देखकर बड़ी आसानी से लगा सकते है। तस्वीरों में देख सकते हैं
हमेशा से ही लापरवाही में और गोलमाल में माहिर है जिम्मेदार कर्मचारियों जिन पर पूरे भी बड़े आरोप लग चुके है पर नगर परिषद द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही। अबतक नहीं की गई और आज राष्ट्रीय ध्वज के साथ हुए लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर अब कलेक्टर साहब क्या कार्यवाही करते है यह बड़ा सवाल है जब की ध्वज सहिंता का उलघन करने वाले जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा पूर्व में बड़े बड़े कारनामे किए जा चुके यह वही कर्मचारी है। जिनके द्वारा सार्वजनिक नलो को घरेलू उपयोग के लिए बना दिया जाता है,और मोटी मोटी रकम भी वसूली गई थी ? तब भी जिम्मेदार पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और नगरपरिषद के जिम्मेदारों के और हौसले बुलन्द होते गए।
जिस वक्त केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते तिरंगा फहराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन तिरंगा बिना फहरे ही नीचे आ जाता है।
मामला है कलेक्ट्रेट परिसर के मुख्य मार्ग पर स्थित रानी दुर्गावती चौक का है जहां केंद्रीय मंत्री झंडा फहराने पहुंचे थे और झंडा लापरवाही से लगाए जाने के चलते फस गया। लापरवाही और काम चोरी में माहिर अपनी गलती को छुपाने और करनी पर खानापूर्ति करते हुए तैनात कर्मचारी ने जल्दबाजी दिखाते हुए डोर को इतने जम कर खींचा की झंडा डोर सहित नीचे आ गिरा । जबकि मौके पर उपस्थित कलेक्टर रत्नाकर झा उक्त कर्मचारी प्रमोद सोनी को बार बार मना करते जा रहे थे पर अपनी मनमानी में माहिर प्रमोद सोनी ने किसी की न सुनी और राष्ट्रीय ध्वज के रस्सी को इतने जमकर खींचा की वह नीचे आकर गिर गया।
जिसके बाद आनन फानन में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को सही करके दोबारा फहराया गया। दोबारा झंडे को सही ढंग से लगाने भी पुलिस अधीक्षक संजय सिंह उक्त कर्मचारी को निर्देशित करते सुनाई दे रहे है। पर नगर परिषद के कथित साहब... ने आजतक किसी की नहीं सुनी।
सूत्र बताते है कि जिम्मेदार के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की जाए तो उस पर भी काफी गोलमाल देखने को मिल सकता है सिफारिश पर प्रमोशन पाएं जिम्मेदार द्वारा सही तरीके से राष्ट्रीय ध्वज ना लगाना ध्वज संहिता का उल्लंघन भी कहा जा सकता है जिस पर कार्यवाही होना लाजमी है।
यह पूरा मामला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर रानी दुर्गावती चौक पर हुआ जहाँ तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में तिरंगे का अपमान हुआ। जिसके बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया और नगर परिषद के जिम्मेदारों पर इसका बम फोड़ दिया गया। जानकारी के मुताबिक कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर तिरंगा फहराने व कार्यक्रम की जिम्मेदारी नगर परिषद को दी गई थी।
केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते से जब मीडिया ने तिरंगे के अपमान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने इसे प्रशासनिक चूक बतलाया है।
क्या कहना है नगर परिषद के अधिकारियों का :-
"झंडा लगाने की जिम्मेदारी परिषद ने कर्मचारी प्रमोद सोनी को दी थी। गड़बड़ी के लिए वे ही जिम्मेदार है। उनके विरूद्ध प्रस्ताव बनाकर परिषद द्वारा जिला कलेक्टर को भेज दिया गया है।"
चन्द्र मोहन गर्मे,
प्रभारी सीएमओ,
नगर परिषद, डिंडोरी
लापरवाह नगर परिषद की खुली पोल
जिला मुख्यालय की तमाम व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार नगर परिषद का अमला अपनी मनमानी और गलतियों पर लीपापोती में कितना महिर है, इस मामले से साफ उजागर हो रहा है।
जहां जिला कलेक्टर द्वारा उक्त कर्मचारी को जोर आजमाइश करने के लिए टोंका जा रहा है तब भी वह नहीं मान रहा है।
नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि झंडे से संबंधित कार्य शुरू से ही प्रमोद सोनी करते आए है, इसलिए उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई थी। महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को लापरवाही के चलते ठीक से नहीं निभाया गया, इसके लिए सीएमओ चंद्रमोहन गर्म प्रमोद सोनी की ही जिम्मेदारी मानते है। पर इस तरह की घोर लापरवाही और मनमानी नगर परिषद में कब तक जारी रहेगी यह बड़ा सवाल है। जिला कलेक्टर दोषी कर्मचारी के खिलाफ कितनी सख्त कार्यवाही करते है यह जल्दी ही सामने आएगा।