टेंट और फ्लावर डेकोरेशन वालो का आतंक "हम खुद एक परमिशन है"
आई विटनेस न्यूज 24, शनिवार 27 अगस्त,जिला मुख्यालय में आये दिन देखने मे आता है कि टेंट हाऊस के पाईप कार्यक्रम खत्म होने के कई दिनों तक उसी स्थान पर खड़े रहते है अधिकतर शासकीय भूमि या रोडो में बिना रोक टोक,बिना किसी डर के लगे छोड़ दिये जाते है चाहे इससे आम जन को कितनी भी परेशानी हो उन्हें कोई फर्क नही पड़ता। जिले के इकलौते कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी में भव्य कार्यक्रम हुआ, जिसमे मंदिर स्थल से मेन रोड तक टेंट की बीमे लगाई गई।कृष्ण जन्माष्टमी को 8 दिन व्यतीत होने पर भी टेंट की ये बीमे रोड में लगी हुई है।जिससे मोहल्ले वासियो को आवागमन ओर वाहन खड़े करने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।टेंट फ्लावर संचालक से बेवजह शासकीय भूमि पर लगी इन बड़ी मोटी बीमा को इतने दिन लगाए रखने की परमिशन की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि "परमिशन लेने की कोई आवश्यकता प्रशासन से नही हम खुद एक परमिशन है"।हमने प्रशासकीय अधिकारी से इस विषय मे जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि एसडीएम से परमिशन लेना चाहिये।और कार्यक्रम खत्म होते ही इन्हें अपना सामान हटा लेना चाहिए।डेकोरेशन लाईट, साउंड के लिये बकायदा परमीशन और टीसी कनेक्शन की आवश्यकता होती है। और शान्ति समिति की बैठक में भी लाईट साउंड वालो का मुद्दा होता है मगर कभी इन टेंट फ्लावर वालो पर ध्यान नही दिया जाता। टेंट फ्लावर वालो पर भी प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता है।आखिर ये भी किसी भी कार्यक्रम में कार्य करते है तो मोटी राशि वसूलते है,मगर शासकीय भूमि का उपयोग ये करते है और शासन को क्या मिलता है। टेन्ट ओर फ्लावर वाले बेरोक टोक दिन रात चार पहिया वाहनों में समान ढोते है उनपर भी कभी कोई रोक प्रशास द्वारा नहीं लगाई जाती जिससे इन टेंट फ्लावर वाले इतने निर्भीक हो चले है और प्रशासन को मुँह चिढ़ाते नजर आते है कहते है कि" हम खुद एक परमिशन है"।