जिला अस्पताल में कुप्रबंधन एवं अमानवीय व्यवहार का परिचय डॉक्टरों द्वारा दिया जा रहा है।
मरीजों को नंबर व पर्चे के लिए लंबी लाइनों में लगकर इंतेजार करना पड़ रहा है।
डॉक्टर मरीजों को सही ढंग से न देखकर उनसे अपने निजी चिकित्सालय पर आने की बात कहते हैं।ऐसे में मरीजों का अव्यवस्था से बुरा हाल हो रहा है।
हमेशा से ही शुरखियो में बने रहे डॉक्टर राज?
आईविटनेस न्यूज़ 24, डिंडोरी- रविवार 15 मई 2022 डिण्डौरी: मामला है जिला चिकित्सा डिंडोरी का जहां मरीज देव नाथ चौहान (ग्राम जोगी टिकरिया) इलाज कराने जिला चिकित्सा की पर्ची कटवा कर इलाज करवाने के लिए डॉक्टर के पास पहुंचा, देव नाथ चौहान ने बताया कि सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए डॉक्टर अजय राज के पास पर्ची लेकर जब वह गया तो इलाज नहीं किया गया, बल्कि उसे धक्का मार कर बाहर कर दिया गया, मरीज देव लाल चौहान अपने पुत्र मुकेश चौहान के साथ सिटी स्कैन कराने जिला चिकित्सालय पहुंचे थे जहां उनके साथ डॉ अजय राज के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, देवनाथ का कहना है कि डॉक्टर ने उनके साथ गाली गलौज कर उन्हें बाहर कर दिया और कहा कि जाओ जहां मेरी शिकायत करना है कर दो मैं किसी से नहीं डरता। देवनाथ काफी परेशान हुआ जिसको लेकर कलेक्टर को लिखित शिकायत भी की। डिंडोरी चिकित्सालय में कोई नई बात नहीं है कि मरीजों को परेशान न किया जाता रहा हो और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता रहा हो, अक्सर डाक्टर और स्टाफ मरीजों को परेशान करते नजर आते हैं, इस तरह का एक ही मामला नहीं ऐसे कई मरीज हैं जिसमें डॉक्टर द्वारा मरीजों से अभद्र व्यवहार कर भगा दिया जाता है। डिंडोरी में अधिकतर जिला चिकित्सालय के डॉ अपने निजी डिस्पेंसरी का संचालन कर रहे हैं, और वे मरीजों को अपने निजी डिस्पेंसरी में देखना ज्यादा पसंद करते हैं। यही कारण है कि वह जिला चिकित्सालय में मरीजों का ढंग से उपचार नहीं करते। और जिले के गरीब रेहवासी अच्छे इलाज के लिए दर दर भटकते रहते हैं और मजबूरी में उन्हें इलाज कराने जिले से बाहर जाना पड़ता है।
देखा जाए तो संबंधित अधिकारियों के कानों में भी कई बार लापरवाही की शिकायत पहुंच जाती है और इन उच्च अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार का कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की जाती है जिसके चलते लापरवाह और भ्रष्ट डॉक्टरों के चलते जिले कि स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ी हुई है अपने आकाओं का राज समझ बैठे डॉक्टरों को यह भी नहीं दिखता की गरीब तबके का व्यक्ति सिर्फ सरकारी सेवाओं के अलावा बड़े डॉक्टरों के पास अपना इलाज वह कैसे करता सकेगा सरकार द्वारा लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाएं तो जा रहे है पर ऐसे नकारा और अमानवीय डॉक्टर के चलते ही शासन की मूल भूत योजनाओं का लाभ गरीब बेसहारा लोगों को नहीं मिल पा रहा है। और अपने निजी डिस्पेंसरी में बैठे ये डॉक्टर डबल मुनाफा लोगो से कमा रहे है।
निर्धारित समय पर कभी नहीं मिलते डॉक्टर जिला अस्पताल में
देखा जाए तो सिर्फ दो टाइम है यह डॉक्टर आपको जिला अस्पताल में मिलते है और उसके बाद यह अपने क्लीनिक पर ही पाए जाते है और इसी स्थिति में मरीजों को देखने सुनने वाला भी कोई नहीं होता है आपको ज्ञात हो होगा की सुबह के समय कभी भी जिला अस्पताल में निर्धारित समय सीमा पार कोई डॉक्टर नहीं आते है पर उन्हें इतना मालूम होता है कि उन्हें अपने क्लीनिक कब और किस समय पहुंच ना है।
सूत्रों की माने तो कुछ तथा कथित डॉक्टर अपने क्लीनिक पर सरकारी दवाओं का ही प्रयोग करते है अगर जिला प्रशासन द्वारा इनके क्लीनिकों पर छापा डाला तो कई क्लीनिक बंद नजर आयेंगी