आई विटनेस न्यूज 24, मंगलवार 29 मार्च,नगर पंचायत की दया से नगरवासियो के कांठ सूखे,जी हाँ इन दिनों गर्मी अपना रौद्र रूप बढ़ाती जा रही है और जिला मुख्यालय में पानी के लिए त्राहिमाम की स्थिति है।डिण्डोरी कलेक्टर ने पानी की समस्या के लिए कंट्रोल रूम बनाने की बात प्रकाशित की थी पर उसका कितना फायदा आमजन को मिलेगा इसका अंदाजा जिला मुख्यालय की नाल जल योजना से लगाया जा सकता है।नगर पंचायत के नालो के आने का कोई टाईम टेबल नही है।जब समय मिला नल चालू कर दिया,नगर पंचायत की नजर में नगर की जनता 24 घण्टे फालतू है जो नाल के आने का इंतजार करे।और फिर जब नाल आता भी है तो उसका भी कोई समय नही है कहो 10 मिनिट चले 15 या 20 मिनिट चले कोई पक्का नही।अब चाहे आपके घर मे पानी पूरा आया या नही इससे नागर पंचयत के जिम्मेदारों को कोई लेना देना नही।आखिर क्या वजह है कि नर्मदा खंड होने के बावजूद भी नगर पानी-पानी के लिए मोहताज है।कई दसको से नगर में पानी की समस्या आम समस्या है ।इस समस्या के लिए न प्रशासनिक जिम्मेदारऔर न जनप्रतिनिधि ही कोई कदम बढ़ाते है।वैसे नगर पंचायत को अभय दान मिला हुआ है। समाज का चौथा स्तंभ नगरपंचायत की कारगुजारियों पर कितना भी चीख चिल्ला ले अपनी कलम को लहू लोहान कर ले।पर नगर पंचायत के कान में जू तक नही रेंगती।चौथा स्तंभ समाज की आवाज बन सकता है।दंडाधिकारी नही।और जो जिम्मेदार दंडाधिकारी है शायद उन्हें डंडे +अधिकार नगर पंचायत के सामने बोने है।नगर में विगत दो दिनों से नाल 1-1:30 बजे आ रहा है समय बदले की नगर में कोई मुनादी नही की जाती ,नगर वासियो का सारा समय नाल ताकने में ही व्यतीत हो जाता है।जिन घरों में रहने वाले है तो ठीक है और जो नोकरी पेशे वाले के उनका क्या?
नगर के प्रशासनिक को राजनीतिक जिम्मेदारों को नगर की इस विकराल समस्या के लिए आगे आना चाहिए।