राजेश ठाकुर की रिपोर्ट
आई विटनेस न्यूज 24, शनिवार 26 मार्च,मध्य प्रदेश शासन के द्वारा मनरेगा योजना में करोड़ों रुपए के बजट का आवंटन किया जाता है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सरलता से रोजगार मुहैया कराया जा सके!और उनके पलायन को रोका जा सके, लेकिन जनपद डिंडोरी के जिम्मेदार पदों में बैठे आला अधिकारी इस मनरेगा योजना को अपनी जेब भरने का जरिया बना रखा है,एक ताजा मामला ग्राम पंचायत मेर माल का प्रकाश में आया है, जहां सरपंच सरोज मरावी, सचिव अघ्नू मरावी एवं उपयंत्री पवन पटेल इन तीनों की मिलीभगत से गली फ्लैग निर्माण कार्य के नाम पर लाखों रुपए का गबन किया गया है! गली फ्लैग निर्माण कार्य में नदी-नालों में मजदूरों के द्वारा पत्थरों को टोकनी, तगाणी इत्यादि माध्यमों से ढोलाई करके गाटर बनाया गया, किंतु इन भ्रष्टाचारियों के द्वारा बोल्डर परिवहन के नाम पर लाखों रुपए के फर्जी बिल लगाकर राशि आहरित कर ली गई! ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि गली प्लेग निर्माण कार्य स्वयं मजदूरों के द्वारा किया गया है, किसी भी प्रकार का कोई ट्रैक्टर या ट्रक के द्वारा बोल्डर का परिवहन नहीं कराया गया है! ग्रामीणों की माने तो जनपद डिंडोरी में पदस्थ पंचायत समन्वयक अधिकारी राजकरण मरावी जो कि ग्राम पंचायत मेर माल की सरपंच सरोज मरावी का पति है, इसी के संरक्षण में सारा खेल खेला गया है, यहां एक कहावत सटीक बैठती है, "जब सैंया भए कोतवाल, तो डर काहे का" ग्राम पंचायत मेर माल में और भी ऐसे अनेकों कार्य हैं, जो आज भी अधूरे पड़े हुए हैं, और राशि पूरी आहरित कर ली गई है!जो एक गंभीर जांच का विषय है!