आई विटनेस न्यूज 24 डिंडोरी जनपद पंचायत बजाग अंतर्गत ग्राम पंचायत बजाग माल में लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे हैं, जिसमें सरपंच सचिव के काले कारनामे सामने आते रहते हैं। ग्राम पंचायत बजाग माल में एक वर्ष पूर्व बनी गोरखपुर रोड़ से ठाकुर देव तक बनी ग्रेवल सड़क के एक ही साल में परखच्चे उड़ गए जबकि उस सड़क पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, और ना रिकवरी और तो और आधी अधूरी सड़क की सीसी भी जारी कर दी गई है।
वहीं दूसरी ओर शांति धाम से कुकरिया मार्ग पर एक और ग्रेवल सड़क बन रही है जिसमें भी कोई भी गुणवत्ता नहीं है। सिर्फ अवैध खनन करके मुरूम और बजरी बिछाकर शासकीय राशियों को निपटाने के जुगत में लगे हुए हैं। इस सड़क को भी खानापूर्ति का उदाहरण समझा जा सकता है जिसमें विभागीय उच्चाधिकारियों की सांठगांठ के चलते ग्राम पंचायत बजाग माल के सचिव सरपंच मनमाने ढंग से अपने पदों का दुरूपयोग कर रहे हैं।
जनपद मुख्यालय से महज आधे किलोमीटर दूर गोरखपुर रोड से ठाकुर देव तक बनी है ग्रेवल रोड पर सरपंच सचिव और उच्चाधिकारियों ने सांठगांठ कर 15 लाख से भी अधिक की राशि सिर्फ मुरूम बिछाकर आहरण कर ली, जबकि उस रोड के परखच्चे उड़ चुके हैं। जगह-जगह गड्ढे में तब्दील हो चुकी ग्रेवल सड़क आज भी बाजार माल के सरपंच सचिव के भ्रष्टाचार की चश्मदीद गवाह है।
वास्तविकता यह है कि इस पंचायत में अनेकानेक भ्रष्टाचार के चलते ग्राम का विकास रुका हुआ है पहले ही इनके द्वारा एक सड़क स्वारथ के घर से प्राथमिक शाला तक की 13 लाख की लागत की सड़क सिर्फ कागजों में बनाई गई है। जिसमें लगभग 13लाख की राशि आहरण की जा चुकी है फिर भी आज तक वहां सड़क देखने को नहीं मिलता जबकि उच्च अधिकारियों की संलिप्तता और संज्ञान में होने के बाद भी ध्यान फड़कने के कारण इस रोड के पैसे सरपंच सचिव द्वारा आहरण करने के बाद भी ना रोड बनी और ना कोई कार्रवाई हुई।
मतलब साफ है की ग्राम पंचायत बजाग माल के सचिव सरपंच लगातार भ्रष्टाचार कर रहे हैं उच्च अधिकारियों की शह पर अवैध रूप से निर्माण और मनमानी राशि आहरण के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई ना होना उनके भ्रष्टाचार को चरम सीमा को बढ़ावा दे रहा है। आपको ज्ञात हो कि जिस तरह से ग्राम पंचायत बजाग माल में गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ना मिलना उस ग्राम पंचायत के पंचायत कर्मियों के द्वारा आंखों देखा न्याय किए जाने के चलते आज भी आने घर झुग्गी झोपड़ियों में तब्दील है लोग छप्पर के सहारे जीवन जी रहे हैं जबकि सरकार की पहली महत्वाकांक्षा यह थी कि जिन गरीबों के पास आवास नहीं है उन्हें पहले प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया दिलाया जाए जबकि ग्राम पंचायत बजाग माल में उल्टा हुआ है आज भी गरीबों के मकान झुग्गी झोपड़ियों में तब्दील है तथा वे हमेशा ग्राम पंचायतों के चक्कर लगाते ही देखे जा सकते हैं और लगातार उन्हें सरपंच सचिव के द्वारा घुमाया जा रहा है जबकि आज भी उनका नाम प्रतीक्षा सूची में ही लटका हुआ है। सुनने में तो यहां तक आया है कि ग्राम पंचायत के सहायक सचिव के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि मुहैया कराने के लिए पैसे की मांग भी की जाती है, ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि पैसे देने की बात किसी से बताओगे तो आपका नाम गरीबी रेखा से हटा दिया जाएगा तथा मनरेगा में काम भी नहीं दिया जाएगा। गरीब और अशिक्षित होने के चलते वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है जिसका पूरा फायदा ग्राम पंचायत के नुमाइंदों उठा रहे हैं। अब आप ही बताइए कि गरीब लोग जो पन्नी छात्र के रह रहे हैं वह रिश्वत की राशि किस प्रकार ग्राम पंचायत के नुमाइंदों को दें जिससे उन गरीबों की भी घर बन सके।