आई विटनेस न्यूज 24,मध्यप्रदेश सरकार के शासकीय कर्मचारी और उनके परिवार के आश्रित सदस्य अब निजी अस्पताल में भी इलाज करा सकते हैं। इसके तहत राज्य में चिन्हित 93 निजी अस्पतालों में जांच व उपचार की सुविधा रहेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय सेवकों को पूर्व में निजी चिकित्सालयों में उपचार करवाने पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति नहीं हो पाती थी। अब शासकीय अधिकारी-कर्मचारी विभिन्न बीमारियों का उपचार शासन द्वारा चिन्हित निजी चिकित्सालयों में करवा कर चिकित्सा प्रतिपूर्ति भी प्राप्त कर सकेंगे।गंभीर बीमारियों में किडनी ट्रांसप्लांट, होमो डायलसिस, कैंसर, हिप-नी-एल्बो शोल्डर आंशिक रिप्लेसमेंट, मेमोग्राफी, एमआरआई, सीटी स्कैन, कॉकलियर इंप्लांट, हृदय रोग, हेड इनज्युरी, न्यूरो सर्जरी, स्पाइनल सर्जरी है। इसके साथ ही अन्य बीमारियों का इलाज और जांच करवाई जा सकेगी। जांच एवं इलाज के बाद शासकीय कर्मी अपने विभाग में चिकित्सा रिफंड भी ले सकेगा।
आपदा कोविड-19 की जांच व उपचार में भी सुविधाशासन के शासकीय कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्य, जो कोविड-19 से संक्रमित होते हैं, उनके इलाज के लिए मध्य प्रदेश के समस्त जिलों के अशासकीय निजी चिकित्सालय ( नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीकृत निजी चिकित्सालय) को भी स्वीकृति दी गई है। इन अस्पतालों में उपचार के बाद चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति होगी।
शासकीय सेवक कोविड-19 इलाज के चिकित्सा देयक अपने विभाग के माध्यम से जिले के सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक मध्यप्रदेश के प्रतिहस्ताक्षर कराने के उपरांत शासकीय सेवक के संबंधित विभाग द्वारा ऐसे चिकित्सा देयकों में नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही किए जाने के आदेश भी पूर्व में जारी किए जा चुके हैं।