आई विटनेस न्यूज 24, शिक्षक सुरेंद्र शर्मा को दो दिन से पहले भर्ती कराया गया था। परिजन का आरोप है कि मंगलवार की रात 11 बजे से बुधवार की सुबह तक गंभीर हालत में तड़प रहे मरीज को देखने के लिए न तो नर्स आईं और न ही डॉक्टर।
शिवपुरी जिला अस्पताल में कोविड वार्ड में भर्ती शिक्षक सुरेंद्र शर्मा का बेटा मंगलवार की रात 11 बजे घर चला गया था। इसके कुछ देर वार्ड बॉय पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दूसरे मरीज के लिए निकाल ले गया। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ती चली गई। फुटेज में देखने पर पता चल रहा है कि असहनीय पीड़ा होने पर सुरेंद्र शर्मा अपना सिर घुटनों के बीच फंसाते दिख रहे हैं तो कभी सिर पटकते दिख रहे हैं। न डॉक्टर आया और नहीं कोई अन्य स्टाफ। सुबह 8 बजे वार्ड में पहुंचे बेटा दीपक शर्मा ने बताया कि पिता गंभीर हालत में थे। पिता के इलाज के लिए वार्ड के स्टाफ से मदद मांगी, लेकिन किसी ने सहायता नहीं की। सुबह ड्यूटी डॉक्टर से बात की तो भी गंभीरता से नहीं लिया। स्ट्रेचर नहीं मिला तो पिता को पीठ पर लादकर आईसीयू में ले जाने की कोशिश की। इस दौरान एक युवक ने जरूर आकर पिता के पैर पकड़वाने में मदद जरूर की। हालांकि देर हो गई और उनकी मौत हो गई।
मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ केबी शर्मा ने कहा कि कोरोना मरीज ऑक्सीजन नहीं हटाई गई। उनकी हालत खराब थी। इस वजह से उनकी मौत हुई।तभी परिजनों ने सीसी टी वी फुटेज की मांग पर अड़ गए,सीसीटीवी निकलवाने पर वार्ड बॉय पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर निकालकर ले जा रहा है। जब अस्पताल प्रबंधन से कहा कि यह देखिए आपके झूठ का पर्दाफाश हो गया है।